जैसलमेर :स्वर्णनगरी जैसलमेर में शनिवार को 55वीं जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की. वहीं, इस बैठक में काउंसिल के सदस्यों ने हिस्सा लिया. दो सत्रों में आयोजित इस बैठक का पहला सत्र सुबह 11 बजे से दोपहर 1.45 बजे तक चला और दूसरा करीब 3 बजे संपन्न हुआ. इस बैठक में कई राज्यों के सीएम (जो वित्त मंत्री का जिम्मा भी संभालते हैं) के साथ-साथ कई राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हुए. वहीं, बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक में लिए गए तमाम निर्णयों के बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि बैठक में लिए गए निर्णयों से देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा. साथ ही जनता लाभान्वित होगी. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उद्योग, निर्यात, चिकित्सा और सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन बनाते हुए नीति निर्माण कर रही है. इन सुधारों से व्यापारियों और आम जनता को जीएसटी का सकारात्मक प्रभाव महसूस होगा. वित्त मंत्री ने बताया कि फोर्टिफाइड चावल के कर्नेल पर जीएसटी दर को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (ETV BHARAT Jaisalmer) इसे भी पढ़ें -जैसलमेर में वित्त विशेषज्ञों का महाकुंभ : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल की बैठक शुरू - GST COUNCIL MEET
इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कमी के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है, क्योंकि मंत्रियों के समूह (जीओ) को इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए अधिक समय की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि बीमा नियामक इरडा सहित कई पक्षों से सुझावों का इंतजार है. उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी परिषद ने दर युक्तिकरण के संबंध में निर्णय को भी स्थगित कर दिया है, क्योंकि जीओएम को व्यापक अध्ययन के लिए अधिक समय की जरूरत है. परिषद ने फोर्टिफाइड चावल और जीन थेरेपी सहित विभिन्न वस्तुओं पर जीएसटी दर संशोधन के संबंध में सुझाव दिए.
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल व सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं बनी है. वहीं, उन्होंने कहा कि राज्य इस बारे में सहज नहीं थे. वे एटीएफ नहीं चाहते थे, क्योंकि वे इसे कच्चे पेट्रोलियम-डीजल उत्पाद की श्रेणी में देखते हैं और इसलिए उन्होंने कहा कि इसे अकेले नहीं हटाया जा सकता है. इसलिए इस पर यथास्थिति बनी हुई है.
पॉपकॉर्न पर तीन तरह के टैक्स प्रस्तावित :जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद बताया गया कि अब पॉपकॉर्न पर तीन तरह के जीएसटी रेट्स प्रस्तावित किए गए हैं. ऐसे में पॉपकॉर्न पर 3 तरह के टैक्स लग सकते हैं. पहले नमक और मसालों के साथ मिक्स रेडी टूट ईट वाले पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी जीएसटी लगाने का सुझाव दिया गया है. शर्त है कि ये पहले से पैक न हो. पहले से पैक और लेबल वाले पॉपकॉर्न पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, जबकि कारमेल पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा.
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वित्त मंत्री ने बताया कि इसके अलावा सतह से हवा में मार मरने वाली मिसाइलों पर इंटर स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स छूट को बढ़ा दिया गया है. साथ ही देश से बाहर माल भेजने वाले सप्लायर्स को सप्लाई पर कंपेंसेशन सेस की कम कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि इस फैसले से एक्सपोर्टर्स का वर्किंग कैपिटल बढ़ेगा. साथ ही उन्होंने 50 फीसदी फ्लाई ऐश वाले एसीसी ब्लॉक्स पर 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने की घोषणा भी की. वित्त मंत्री ने कहा कि जब किसान काली मिर्च और किशमिश की सप्लाई करेंगे, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगी. वहीं, बैठक में जीएसटी काउंसिल ने 45 वस्तुओं पर टैक्स दरों में कमी की घोषणा की है, जिससे जनता और व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी.
जीन थेरेपी को जीएसटी से छूट : इस बैठक में नवीन चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए जीन थेरेपी पर जीएसटी पूरी तरह से माफ कर दी गई है. इसके अलावा 2019 के निर्णय के तहत रक्षा क्षेत्र के उपकरणों पर दी जा रही जीएसटी छूट को जारी रखा गया है. वहीं, इस बैठक में निर्यात से जुड़े उत्पादों पर जीएसटी दरें घटाकर निर्यातकों को प्रोत्साहन दिया गया है. साथ ही एटॉमिक ऊर्जा एजेंसी के निरीक्षण से संबंधित उपकरणों पर जीएसटी में पूर्ण छूट प्रदान की गई है.
खाद्य वितरण उत्पादों पर टैक्स राहत : वित्त मंत्री ने बताया कि इस बैठक में मुफ्त वितरण के लिए तैयार किए जाने वाले खाद्य उत्पादों पर जीएसटी दरों को कम करने का निर्णय लिया गया है.
बैठक में हुए निर्णय देश और जनता के लिए फायदेमंद : बैठक में हुए तमाम निर्णयों को वित्त मंत्री ने देश की आर्थिक मजबूती और जनता के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग, निर्यात, चिकित्सा, और सामाजिक कल्याण के बीच संतुलन बनाते हुए नीति निर्माण कर रही है. उन्होंने कहा कि इन सुधारों से व्यापारियों और आम जनता को जीएसटी का सकारात्मक प्रभाव महसूस होगा. वहीं रक्षा और चिकित्सा क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे. वित्त मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में जीएसटी काउंसिल कुछ और बड़े फैसले ले सकती है, जो देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देंगे.