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विजयवाड़ा के गोपीचंद थोटाकुरा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पर्यटक बनेंगे - Know who is Gopichand Thotakuru - KNOW WHO IS GOPICHAND THOTAKURU

विजयवाड़ा के गोपीचंद थोटाकुरा (Gopichand Thotakura) एक पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बनने के लिए तैयार हैं. ब्लू ओरिजिन के न्यू शेफर्ड-25 (एनएस-25) मिशन के लिए गोपीचंद थोटाकुरा क्रू मेंबर चुने गए हैं. वे पांच अन्य लोगों के साथ पृथ्वी के वायुमंडल से परे की यात्रा करेंगे.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 13, 2024, 1:46 PM IST

हैदराबाद: अंतरिक्ष की यात्रा करना हर किसी की सपना होता है. वैसे कम ही खुशनसीब होते हैं जिनका स्पेस में जाने का ख्वाब पूरा होता है. मगर तेलुगू युवा गोपीचंद थोटाकुरा (Gopichand Thotakura) उन खुशनसीब लोगों में शामिल हैं जिन्हें अंतरिक्ष में जाने का मौका मिल रहा है. बता दें कि गोपीचंद एक पर्यटक के तौर पर अंतरिक्ष में भारत के पहले पर्यटक के तौर पर रिकॉर्ड बनाएंगे. वह अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन (Blue Origin) द्वारा डिजाइन किए गए न्यू शेफर्ड अंतरिक्ष यान में कुछ हफ्तों में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे. मालूम हो कि भारत से राकेश शर्मा ने 1984 में अंतरिक्ष उड़ान भरी थी. राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वालों में भारतीय मूल के नागरिक कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, राजाचारी और शिरिषा बांदला शामिल हैं.हालांकि गोपीचंद फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं, लेकिन उनके पास भारतीय पासपोर्ट है. अत: उन्हें अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय राकेश शर्मा के रूप में जाना जाएगा. इसके साथ ही वह एक पर्यटक के तौर पर अंतरिक्ष की यात्रा भी करेंगे. तो उन्हें भारत के पहले अंतरिक्ष पर्यटक के रूप में पहचाना जाएगा.

ये लोग जाएंगे अंतरिक्ष में
बता दें कि, ब्लू ओरिजिन पहले ही न्यू शेफर्ड सबऑर्बिटल अंतरिक्ष यान के साथ अंतरिक्ष मिशन शुरू कर चुका है. 2021 में बेजोस समेत तीन पर्यटकों ने तीर्थयात्रा की थी. गोपीचंद समेत कुल छह लोगों को अगले एनएस-25 मिशन के लिए चुना गया है. उद्यम पूंजीपति मेसन एंजेल, फ्रांसीसी उद्योगपति सिल्वेन चिरोन, अमेरिकी तकनीकी उद्यमी केनेथ एल. हेस, साहसी कैरोल स्कॉलर और पूर्व अमेरिकी वायु सेना कप्तान एड ड्वाइट भी शामिल हैं.

विजयवाड़ा के गोपीचंद जाएंगे अंतरिक्ष में
विजयवाड़ा में जन्मे गोपीचंद थोटाकुरा अटलांटा के उपनगरीय इलाके में 'प्रिज़र्व लाइफ' संगठन के सह-संस्थापक हैं. यह करोड़ों डॉलर का वेलनेस सेंटर है. बता दें कि गोपीचंद को पायलट के रूप में भी प्रशिक्षित किया गया था. दस साल पहले, उन्होंने भारत में हवाई मार्ग से मरीजों की आपातकालीन निकासी में सेवा की थी. गोपीचंद ने एक अंग्रेजी पत्रिका को बताया कि उनके परिवार को भी उनकी अंतरिक्ष यात्रा के बारे में तब तक नहीं पता था जब तक ब्लू ओरिजिन ने आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की थी. उन्होंने कहा कि उन्हें आठ साल की उम्र में अंतरिक्ष में रुचि हो गई थ.। उन्होंने एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल साइंस में बीएससी की पढ़ाई पूरी की.

ब्लू ओरिजिन के छह मिशन, 31 लोग गए अंतरिक्ष में
ब्लू ओरिजिन अब तक छह मिशनों में 31 लोगों को अंतरिक्ष में ले गया है. इन सभी ने कार्मन रेखा को पार किया जो समुद्र तल से 80-100 किमी ऊपर है. ये सफर 11 मिनट तक चलता है. एक अंतरिक्ष यान ध्वनि की गति से तीन गुना अधिक गति से यात्रा करता है इसमें शामिल लोग कर्मन रेखा को पार करते हैं और भारहीनता की क्षणिक स्थिति का अनुभव करते हैं. वहां से वे दुनिया को देखेंगे और पैराशूट की मदद से धीरे-धीरे नीचे आएंगे. ब्लू ओरिजिन ने यह खुलासा नहीं किया कि इसका भुगतान कौन कर रहा है और कितना कर रहा है.

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