महासमुंद: तुुमगांव की रहने वाली पांच साल की अंकिता को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक ''मरीज को उल्टी दस्त के साथ साथ बुखार की भी शिकायत थी''. परिजनों का आरोप है कि ''जब वो अस्पताल में पहुंचे तो अस्पताल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं रहा''. आरोप है कि ''अस्पताल के नर्स और कंपाउंडर ने ही बच्ची को भर्ती कर उसका इलाज शुरु कर दिया. फोन पर डॉक्टर से बातचीत कर बच्ची को एंटीबायोटिक दिया, ड्रिप लगाई. ड्रिप लगाते ही बच्ची बेहोश हो गई''.
उल्टी दस्त और बुखार से बच्ची की मौत, अस्पताल पर लापरवाही का आरोप: बच्ची की हालत जब ज्यादा बिगड़ने लगी तो निजी नर्सिंग होम के कंपाउंडर और नर्स ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुमगांव ले जाने को कह दिया. परिजन बच्ची को लेकर तुमगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. डॉक्टरों ने बच्ची को चेक करने क बाद बताया कि बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी है. बच्ची की मौत की खबर परिजनों ने अपने नगर पंचायक के लोगों को दी. मृतक बच्ची के पिता और पंचायत के लोगों ने आरोपी अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग की है.
''बच्ची को उल्टी दस्त और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल लाए थे. जब हम अस्पताल आए तो कोई भी डॉक्टर वहां नहीं था. मेरी बच्ची का इलाज नर्स और कंपाउंडर कर रह रहे थे. पूछ पूछकर बच्ची को दवा दे रहे थे. बच्ची को जैसे ही एंटीबायोटिक दवा चढ़ाई गई बच्ची बेहोश हो गई. गलत दवा देने से बच्ची की जान गई है. ऐसे किसी और की बच्ची के साथ नहीं हो इसलिए हम चाहते हैं कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए.'' - नेतराम धीवर, मृतक बच्ची के पिता