गया: बिहार के गया में विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो गई है. पितृपक्ष मेले का उद्घाटन बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने किया. इस मौके पर तर्पण पुस्तक का विमोचन हुआ. इस पुस्तक में गया श्राद्ध और पिंडदान के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. उद्घाटन समारोह में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने मंच से लोगों को संबोधित भी किया.
''गया जी वह धरती है, जहां से स्वर्ग का द्वार खुलता है. आने वाले दिनों में गया की धरती पूरे विश्व को गौरवान्वित करेगी. हम लोग वसुधैव कुटुंबकम और अतिथि देवो भव की तर्ज पर यहां आने वाले लाखों तीर्थ यात्रियों की सेवा सत्कार और स्वागत करेंगे. गया जी वह धरती है, जहा मोक्ष की प्राप्ति होती है और यह धरती शांति का संदेश भी देती है. हमें अशांति नहीं, शांति चाहिए. काशी-प्रयाग की तरह गया को परिवर्तित करने की रूपरेखा बनाई जा चुकी है. गया शक्ति, भक्ति और मुक्ति की भूमि है.''- विजय सिन्हा, डिप्टी सीएम, बिहार
आज से शुरू हुआ पितृपक्ष मेला : इस बार पितृपक्ष मेला 16 दिनों का होगा. 17 सितंबर से शुरू होने वाला विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2 अक्टूबर तक चलेगा. इस बार पितृपक्ष मेले में तकरीबन 15 लाख तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना है. क्योंकि हर साल पितरों के निमित्त पिंडदान को आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में तकरीबन 15 लाख से अधिक पिंडदानियों के गया जी पहुंचने की संभावना है.
खास है गया का पितृपक्ष मेला: पितृपक्ष मेले की प्रत्येक तिथि के अलग-अलग महत्व पितृपक्ष मेले के दौरान प्रत्येक तिथि का धार्मिक आस्था के दृष्टिकोण से अलग-अलग महत्व है. इन तिथि विशेष के दिन में पिंडवेदियों, धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होती है. पितृपक्ष मेले से संबंधित कुल 55 पिंडवेदियां हैं, जिसमें 45 पिंड वेदी एवं नौ तर्पण स्थल गया जी धाम में है.
पिंडदानियों के लिए भव्य इंतजाम: वहीं, एक पिंड वेदी पुनपुन पटना जिला अंतर्गत है. फ़िलहाल पितृपक्ष मेला आज से शुरू हो गया है. वहीं, बिहार सरकार और जिला प्रशासन द्वारा पिंडदानियों की सुविधा के ख्याल से अनेकों व्यवस्थाएं की गई है. जिसमें टेंट सिटी, सीसीटीवी और भारी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है. ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न उठानी पड़े.
सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद : 43 जोन और 339 सेक्टर में बंटा मेला क्षेत्र : इस बार संपूर्ण मेला क्षेत्र 43 जोन में विभक्त करके 339 सेक्टर में बांटा गया है. 43 जोन और 339 सेक्टर में पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है. विधि व्यवस्था के लिए 43 जोन तथा 209 सेक्टर में बांटकर दंडाधिकारी पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्त की गई है.
चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा : गया धाम में इस बार पितृपक्ष मेले में 70 पुलिस शिविर का निर्माण कराया गया है, जिसमें 'मे आई हेल्प यू' का काउंटर भी स्थापित किया गया है. करीब 5000 पुलिसकर्मी पितृपक्ष मेले में सुरक्षा व्यवस्था में तैनात होंगे. 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरे विभिन्न स्थानों पर मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं.
दो प्लाटून घुड़सवारों की तैनाती: वहीं, कई स्थानों पर 360 डिग्री एंगल के कैमरे भी लगाए गए हैं. ऐसे कैमरे की संख्या डेढ़ सौ के करीब बताई जा रही है. इसके अलावा ड्रोन, वॉच टावर आदि के माध्यम से भी निगरानी रखी जाएगी. देवघाट और अक्षय वट पर नियंत्रण कक्ष स्थापना की गई है. इस बार पहली बार दो प्लाटून घुड़सवार बलों की भी तैनाती रहेगी.
लाइटिंग से जगमग होगा गया : इस वर्ष पितृपक्ष मेले में प्रकाश की भी अच्छी व्यवस्था की गई है. मेला क्षेत्र में अवस्थित 17 बड़े हाई मास्ट लाइट, 34 मिनी हाई मास्टर लाइट, 3584 एलईडी लाइट और नगर निगम द्वारा 435 एलईडी लाइट को लगाया गया है. मेला क्षेत्र में बंद पड़े 900 से ऊपर लाइट को भी शुरू किया गया है. तिरंगा रोप लाइट भी इस बार तीर्थ यात्रियों के बीच आकर्षण का केंद्र रहेगी. अहिल्याबाई रोड से कृष्ण द्वारिका से विष्णु द्वार तक रंगीन सजावटी लाइट से सजाया गया है. सीताकुंड से मुख्य द्वार से मंदिर तक सजावटी लाइट लगाए गए हैं.
यात्रियों के लिए इंतजाम: निशुल्क ई रिक्शा का परिचालन, रिंग बस की भी सुविधा वहीं, इस बार तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए ऑटो रिक्शा, प्रीपेड निजी टैक्सी का किराया निर्धारित कर दिया गया है. पितृपक्ष मेला के अवसर पर प्रमुख स्थलों तक वृद्ध दिव्यांगों को ले जाने-लाने के लिए पर्याप्त संख्या में निशुल्क ई रिक्शा का परिचालन कराया जा रहा है. तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए रिंग बस का परिचालन भी होगा. निशुल्क ई रिक्शा 100 की संख्या में चलाए जाएंगे.