भरतपुर.पूर्व राजपरिवार के पारिवारिक विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अब अपने बेटे अनिरुद्ध सिंह और पत्नी व पूर्व सांसद दिव्या सिंह के खिलाफ 10 किलो सोना और करोड़ों के आभूषण चुराने का आरोप लगाते हुए मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज कराया है. रिपोर्ट में लिखा है कि दिल्ली की एक बैंक के लॉकर से दिव्या सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने धोखा देकर 10 किलो सोना और करोड़ों रुपए कीमत के स्वर्ण आभूषण निकाल लिए हैं.
पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मथुरा गेट थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में लिखा कि वो भरतपुर रॉयल फैमिली रिलिजियस और सेरेमोनियल ट्रस्ट भरतपुर के अध्यक्ष हैं. पत्नी दिव्या सिंह और बेटा अनिरुद्ध सिंह इस ट्रस्ट के प्रन्यासी थे, जिन्होंने 19 मार्च 2024 को अपनी सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. इसलिए दोनों की ट्रस्ट की सदस्यता 19 मार्च को समाप्त हो गई थी. पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने 2 अप्रैल, 2011 को न्यास की आय के लाभकारी निवेश के लिए भरतपुर के एक ज्वेलर से 10 किलो सोना खरीदा था. सोने को रखने के लिए भरतपुर में कोई सुरक्षित व्यवस्था नहीं होने की वजह से इसको नई दिल्ली की वोल्ट लिमिटेड के लॉकर (1402) में रख दिया गया. साथ ही लॉकर में करोड़ों रुपए कीमत के स्वर्णाभूषण भी रखे थे.
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रिपोर्ट में लिखा है कि यह लॉकर पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और उनके बेटे व पत्नी तीनों के नाम से खोला गया था. सहमति से यह तय हुआ था कि लॉकर तीनों खोल सकेंगे, लेकिन लॉकर खोलने व कोई सामान निकालने से पूर्व परिवादी (विश्वेंद्र सिंह) की सहमति लेनी होगी. लॉकर की चाबी परिवादी के पास रहेगी. वर्ष 2019 तक पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोने और आभूषणों को लॉकर में सुरक्षित देखा था, लेकिन 2020 में विश्वेंद्र सिंह और उनकी पत्नी व बेटे के साथ विवाद शुरू हो गया.
आरोप है कि पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह ने चल अचल संपत्ति को हथियाने का षड्यंत्र रचा, जिसके तहत पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ मारपीट करना, खाना बंद करना व अन्य दुर्व्यवहार शुरू कर दिए. अंत में मारपीट कर जबरन घर से निकाल दिया. परिवादी पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह वर्ष 2020 से घर के बाहर अन्यत्र रह रहा है. घर से निकालते समय लॉकर की चाबी, बैंक के कागजात, क्रेडिट कार्ड आदि सभी घर में ही छूट गए. परिवादी को कुछ भी नहीं लाने दिया.