पटना :बिहार में बाढ़ से स्थिति भयावह है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 16 जिलों के 11.84 लाख लोग इससे प्रभावित हैं. जिसमें कुल 76 प्रखंड शामिल हैं. जिन जिलों में बाढ़ से सबसे ज्यादा परेशानी है उनमें पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, अररिया, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, सारण, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया जिला शामिल हैं.
केन्द्र सरकार देगी 656 करोड़ : बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भारतीय वायु सेना भी राहत अभियान में शामिल हो गयी है. सीतामढ़ी और दरभंगा के अत्यंत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन की कठिनाईयों को देखते हुए वायुसेना राहत सामग्री पहुंचा रही है. यही नहीं केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा कोष से बिहार को 656 करोड़ देने का निर्णय लिया है.
2 लाख हेक्टेयर जमीन में पानी : राज्य में कोसी, गंडक, बागमती नदियां उफान पर हैं. 2 लाख हेक्टेयर जमीन बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इसको लेकर आंकलन किया जाएगा. इधर इस बाबत समीक्षा बैठक भी की गई. किसानों को किस तरह से मुआवजा मिले इसपर भी विचार विमर्श किया गया.
दो आईएएस OSD बनाए गए : मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एरियर सर्वे (हवाई सर्वेक्षण) के लिए निकले. कई बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा कर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए. दो सीनियर आएएस अधिकारी को बाढ़ के लिए आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) बनाया गया है. जिनमें महेंद्र कुमार और हिमांशु शर्मा शामिल हैं.
जान-माल का भारी नुकसान : बाढ़ से हालात खराब हैं. लोग परेशान हैं. वैसे तो प्रशासनिक मदद की जा रही है, पर वह नाकाफी साबित हो रहा है. लोग पानी के बीच खून के आंस रोने को विवश हैं. जान-माल का लगातार नुकसान हो रहा है. कई लोगों की मौत अब तक बाढ़ की वजह से हो चुकी है.
मधुबनी में बाढ़ से तबाही :बिहार के मधुबनी जिले के बासोपट्टी, गौरगाव गोबरगड्हा, भवानीपुर, बगैवा, लोचबन्नी, परियाही सभी पंचायत बाढ़ में डूब गए हैं. इलाके के लोगों की मानें तो न सांसद, न विधायक अब तक कोई पूछने नहीं आया. बासोपट्टी गांव की महिला ने बताया कि ''घर में अनाज रखा था, सब पानी में बर्बाद हो गया. घर डूब गए, कुछ नहीं बचा. कई लोगों के बच्चे पानी में बह गए. जब गांव में नाव पहुंचता है तो लोग घरों से जान बचाकर बाहर निकल पाते हैं.''
बेतिया में बाढ़ पीड़ितों का दर्द : इस बीच, बिहार के बेतिया जिले में सोमवार की देर रात रिंग बांध टूट गया. बांध के टूटने से इलाके में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. गांव के असलम मियां कैमरे देख कहते हैं कि ''घर में पानी घुस गया है, राशन पानी में बह गया. कल से घर में खाना नहीं बना है. प्रशासन की ओर से अब तक कोई नहीं आया."
कब मिलेगी मदद, सुनिए सरकार! : राहत सामग्री का इंतजार कर रहे ठारी गांव के चांद अली मियां कहते हैं कि ''न खाने के लिए कुछ है, न सो पाते हैं. कोई मदद नहीं मिल रही है. कल रात एक मौत हो गई. रात में जानवर और कीड़ा निकलता है, डर लगता है.''वहीं 65 साल की फूलपत्तिया बताती हैं कि ''दो दिनों से पानी लगा है. घर टूट गए, बर्तन, अनाज पानी में बह गया, दो बकरी थी, मर गई. बेटे की तबीयत खराब है. खाने के लिए कुछ भी नही है. घर के अंदर तक पानी घुस गया, खड़े खड़े रात गुजारी, कहां रहेंगे?.''
अररिया में लोगों के बीच दहशत :अररिया में कोसी का पानी विकराल रूप में बढ़ता जा रहा है. जिले में परमान नदी ने तांडव मचा रखा है. गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि, ''स्थिति गंभीर है. खतरे का अहसास सबको है, 2017 की बाढ़ एक बार फिर ताजा हो गई है. दलित बस्ती के लोगों के लिए मुश्किल घड़ी है. उनके घरों में पानी घुस चुका है. लोगों ने बॉर्डर पर अपना आशियाना बना लिया है.''