बीजापुर: बस्तर में लाल आतंक के मोर्चे पर लगातार सुरक्षाबलों की कार्रवाई का असर दिख रहा है. साल 2024 के शुरुआत से लगातार बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ फोर्स ने ऑपरेशन छेड़ रखी है. इसी का नतीजा है कि इस साल माओवादियों के खिलाफ जंग में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. शुक्रवार को नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में एक साथ पांच नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. इसके साथ ही माओवादियों ने खून खराबे से तौबा कर लिया है.
नियाद नेल्लनार योजना के तहत सरेंडर: बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव ने बताया है कि नक्सलियों नियद नेल्लानार योजना से प्रभावित होकर सरेंडर किया है. इसमें एक आठ लाख का पीएलजीए सदस्य भी है. इसके अलावा दो और इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है. कुल 11 लाख के इनामी नक्सलियों ने हथियार डाले हैं. एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि नियद नेल्लानार का अर्थ होता है आपका अच्छा गांव. इस योजना की वजह से नक्सली प्रभावित हुए और हथियार डालने का फैसला लिया.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों की डिटेल जानकारी: जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें संतू कोडमे पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) कंपनी नंबर 2 का एक्टिव मेंबर है. इसके ऊपर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था. यह साल 2013 में नक्सल संगठन से जुड़ा. साल 2017 में मिमना नक्सली हमले में यह शामिल था. जिसमें 17 सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए थे. उसके बाद यह साल 2020 के नादपल्ली नक्सली हमले में भी शामिल था. इसमें तीन जवान शहीद हुए थे. इसके अलावा नक्सली पायकू पुनेम ने भी सरेंडर किया है. वह गंगालूर क्षेत्र समिति का सदस्य है. पदेडा जनताना सरकार टीम के प्रमुख गुड्डू हपका ने भी हथियार डाले हैं. पायकू पुनेम पर दो लाख और गुड्डु हपका पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था.