नई दिल्ली/गाजियाबादःमहाकुंभ 2025 को लेकर देश भर के लोगों में एक अलग उत्साह और आस्था देखी जा रही है. उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कुंभ में 50 करोड़ से अधिक लोग पवित्र स्नान कर चुके हैं. प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़ दिखाई दे रही है. गाजियाबाद से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में पहुंचकर संगम में आस्था की डुबकी लगाई है. दो श्रद्धालु ऐसे भी हैं जिनकी हर तरफ चर्चा हो रही है. गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी होम्योपैथी डॉक्टर ने अपनी बेटी के साथ साइकिल से प्रयागराज का सफर तय किया और फिर संगम में पवित्र स्नान किया.
गाजियाबाद (दिल्ली-एनसीआर) से प्रयागराज जाने के लिए तमाम ट्रेन, बस और फ्लाइट्स हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट या अपनी निजी गाड़ी के स्थान पर डॉ. उमेश पंत ने अपनी 19 साल की बेटी उमंग पंत के साथ गाजियाबाद से प्रयागराज का सफर साइकिल से तय किया. सामान्य तौर पर गाजियाबाद से प्रयागराज जाने का खर्च एसी ट्रेन से दो लोगों का तकरीबन दस हजार रुपए होता है. लेकिन डॉ. उमेश और उनकी बेटी को साइकिल से यह सफर तय करने में करीब 75 हजार खर्च का खर्चा आया.
जनवरी में शुरू की थी प्लानिंग
होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. उमेश पंत ने जनवरी में ही साइकिल से कुंभ जाने की प्लानिंग शुरू कर दी थी. बेटी ने काफी हौसला बढ़ाया लेकिन मां कई बार विचलित हुईं कि क्या साइकिल से जाना ठीक रहेगा. फाइनल डिसीजन लेना काफी मुश्किल था लेकिन परिवार ने काफी हौसला बढ़ाया और आखिरकार तय हो गया कि साइकिल से कुंभ की यात्रा करेंगे. बेटी उत्तराखंड स्थित निजी संस्थान से ग्रेजुएशन कर रही है. बेटी को गाजियाबाद बुलाया और यात्रा की तैयारी शुरू कर दी.
10 फरवरी को महाकुंभ के लिए निकले थे
डॉ. उमेश पंत ने बताया 10 फरवरी को गाजियाबाद से प्रयागराज महाकुंभ के लिए निकले थे. गाजियाबाद से प्रयाग पहुंचने में करीब पांच दिन का वक्त लगा. हर दिन तकरीबन 100 से 150 किलोमीटर के बीच साइकिलिंग की. 3 घंटे लगातार साइकिलिंग करते थे और फिर कुछ देर आराम करने के पश्चात फिर से यात्रा की ओर बढ़ते थे. बेटी ने यात्रा के दौरान बहुत हौसला दिया. हमारा मकसद था कि हम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर सकें. यही वजह रही कि हमने साइकिल से कुंभ जाने का फैसला किया. गाजियाबाद से कुंभ की यात्रा के दौरान लोगों का बहुत प्यार मिला. जगह-जगह पर लोगों ने फूलमालाओं से स्वागत किया और सम्मान दिया. यात्रा के दौरान हमने स्वास्थ्य के प्रति करीब 10000 लोगों को जागरूक किया.