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4 दिन से शंभू बॉर्डर पर डटे किसान, सुरक्षा में तैनात जीआरपी के जवान की मौत - Haryana farmers Support

Farmers Protest Day 4 Updates: एमएसपी पर गारंटी कानून के साथ कई मांगों को लेकर 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं. गुरुवार को देर रात हुई बैठक में पूर्ण सहमति नहीं बनने पर किसानों ने कहा है कि दिल्ली कूचा का उनका फैसला अभी भी बरकरार है. किसानों का क्या कहना है और बॉर्डर पर क्या स्थिति है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Farmers Protest Day 4 Updates
4 दिन से शंभू बॉर्डर पर किसान

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 16, 2024, 12:24 PM IST

Updated : Feb 16, 2024, 6:04 PM IST

4 दिन से शंभू बॉर्डर पर डटे किसान, सुरक्षा में तैनात जीआरपी के जवान की मौत

चंडीगढ़: किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली कूच करने के लिए 13 फरवरी से सड़क पर उतर आए हैं. शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच करने की बार-बार कोशिश कर रहे हैं लेकिन बॉर्डर छावनी में तब्दील होने के चलते किसान आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. इस बीच प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से कई बार आंसू गैस के भी गोले दागे गए. बावजूद इसके किसान बॉर्डर से टस से मस नहीं हो रहे हैं.

रविवार को होगी चौथे दौर की बैठक: शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन है. गुरुवार को सरकार और किसानों के साथ तीसरे दौर की बैठक हुई थी, लेकिन बैठक में पूर्ण रूप से कोई नतीजा नहीं निकल सका. हालांकि किसानों और सरकार का कहना है कि बैठक सकारात्मक रही. अब चौथे दौर की बैठक रविवार, 18 फरवरी को होने वाली है. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इस आंदोलन का समाधान कब और कैसे निकलेगा.

अंबाला में शंभू बॉर्डर पर तैनात जीआरपी के जवान की मौत: शंभू बॉर्डर पर तैनात जीआरपी जवान की शुक्रवार को मौत हो गई. जवान समालखा चौकी पानीपत में तैनात था. वो चुलकाना गांव का रहने वाला था. जवान के मौत के कारणों को पुष्टि नहीं हुई है. जीआरपी एसएचओ धर्मवीर ने बताया कि हरियाणा और पंजाब के पास लगते शंभू टोल प्लाजा पर तैनात जीआरपी के एसआई हीरालाल की 13 तारीख को अचानक तबियत बिगड़ी और उसे अंबाला कैंट के अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जिसके बाद शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई.

रोहतक जींद रोड पर धरने पर बैठे किसान:पंजाब के किसानों का प्रस्तावित दिल्ली कूच के समर्थन में अब हरियाणा के किसान भी आने लगे हैं. रोहतक जींद रोड पर टीटोली गांव के पास किसानों ने धरना शुरू कर दिया है. अब हरियाणा में भी अलग-अलग जगह दिल्ली कूच के समर्थन में किसान धरना दे रहे हैं. किसान संगठनों का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो हरियाणा की तरफ से भी बैरिगेट को तोड़ दिए जाएंगे और पंजाब के किसानों के साथ दिल्ली जाएंगे. किसानों ने कहा कि सरकार से अब आर पार की लड़ाई है. वहीं, पुलिस ने भी रोहतक जींद राष्ट्रीय राजमार्ग जो सीधे पंजाब से दिल्ली को जोड़ता है को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया है. किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर पांच तरह की सुरक्षा लेयर बनाया गया है.

दाता सिंह वाला बॉर्डर पर शांति का माहौल:एक ओर शंभू बॉर्डर पर बार-बार पुलिस और किसानों के बीच गहमागहमी की बात सामने आ रही है. वहीं, दूसरी ओर दिल्ली कूच को लेकर दाता सिंह वाला बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसानों और हरियाणा के जवानों के बीच कोई भी तकरार देखने को नहीं मिली. गुरुवार को पूरा दिन किसान शांति से बैठे रहे और जवानों ने भी उन पर केवल नजर रखी. ना तो कोई नारेबाजी हुई और न ही किसी तरह का कोई बल प्रयोग किया गया. इस दौरान पंजाब की तरफ से भारी संख्या में महिलाएं दाता सिंह वाला बॉर्डर पर पहुंची और आंदोलनरत किसानों के साथ बैठ गई.

बॉर्डर पर किसान जत्थेदारों ने चलाया सफाई अभियान: किसानों ने हाईवे पर पड़े आंसू गैस के गोलों और प्लास्टिक गोलियों के खोल, खाली पड़ी बोतलों ईंटों और पत्थरों की साफ सफाई की. फोर्स ने निगरानी तो बनाए रखी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिस के अधिकारी अपनी रणनीति बनाते रहे और पंजाब की तरफ से आए किसान जत्थेदार अपनी रणनीति बनाते रहे. इस दौरान लंगर लगातार चलते रहे.

दाता सिंह वाला किसानों का छलका दर्द:दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसानों और प्रशासन के आमने-सामने होने का दर्द किसानों में साफ देखने को मिला. जिन किसानों के खेत बॉर्डर के साथ लगते हैं, वो पूरी तरह से या तो पुलिस ने घेर रखे हैं या फिर किसान पीछे की तरफ भागने के लिए प्रयोग करते हैं. किसान अपनी फसल को संभालने के लिए जाते हैं तो पुलिस द्वारा उनको खदेड़ दिया जाता है. ऐसे में किसानों पर अपनी फसल को बचाने और पुलिस कार्रवाई की दोहरी मार पड़ रही है.

AAP का सरकार पर आरोप: AAP के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा है "जहां एक तरफ किसानों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर किसानों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. वहीं, हरियाणा प्रदेश में रास्तों को रोक आम जनता को परेशान किया जा रहा है. रास्ते रोकने की वजह से हजारों विद्यार्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए हैं. केंद्र सरकार ने किसानों को जो वादा तीन कानून को लेकर किया था, वह पूरा नहीं किया जा रहा. किसानों को हरियाणा में जब आंदोलन ही नहीं करना है तो उन्हें बॉर्डर पर क्यों रोका जा रहा है. जितनी पुलिस किसानों के लिए लगाई गई है अगर इतनी पुलिस अपराध रोकने के लिए लगाई जाए तो प्रदेश में शांति का माहौल कायम हो सकता है और आपराधिक घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है."

नवीन जयहिंद का पंजाब के किसान नेता से सवाल:एमएसपी की मांग को लेकर पंजाब के किसान हरियाणा के बॉर्डर पर दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं. इस बीच समाजसेवी नवीन जय हिंद ने पंजाब के किसानों से आग्रह किया है "एमएसपी की मांग की तरह ही हरियाणा के किसानों की SYL के पानी की भी मांग है, क्योंकि इस पानी के बिना हरियाणा की लगभग 10 लाख एकड़ जमीन बंजर पड़ी है. हरियाणा में दिन पर दिन पीने के पानी की भी किल्लत होती जा रही है. इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार पंजाब के किसान हरियाणा के किसानों को SYL का पानी दिलवाने में मदद करें और मिट्टी से अटी पड़ी नहर का की खुदाई करवाने में भी हरियाणा के किसानों की मदद करें. हम किसानों के साथ हैं, किसानों की मांग जायज है और सरकार को उनके साथ किसी भी तरह ज्यादती नहीं करनी चाहिए. सरवन सिंह पंढेर भी पंजाब के किसानों के साथ बात करके SYL के पानी पर अपना रुख स्पष्ट करें."

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Last Updated : Feb 16, 2024, 6:04 PM IST

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