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किसानों की लड़ाई सड़क पर आई, जानिए कितना और क्यों अलग है किसान आंदोलन 2.0?

Farmers Protest 2024 Update: किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से सड़कों पर उतर गए हैं. पंजाब के किसान हरियाणा के बॉर्डर से होते हुए दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. हालांकि दिल्ली और पंजाब से लगे हरियाणा के बॉर्डर पर हाई लेयर बैरिकेडिंग और सुरक्षा के चलते किसान शंभू बॉर्डर से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. किसान आंदोलन 2.0 को किसान आंदोलन 2020 से जोड़कर देखा जा रहा है आखिर ये आंदोलन पिछली बार से अलग क्यों है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Difference between kisan andolan 2020 and 2024
कितना और क्यों अलग है किसान आंदोलन 2.0

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 14, 2024, 11:07 AM IST

Updated : Feb 14, 2024, 11:49 AM IST

चंडीगढ़: 12 फरवरी को केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में बात नहीं बनने पर मंगलवार, 13 फरवरी को पंजाब के किसानों ने दिल्ली की ओर रुख कर दिया. हालांकि शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम और कई लेयर बैरिकेडिंग होने के चलते प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर से घुसने में कामयाब नहीं हो सके. इस बीच किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने ड्रोन से आंसू गैस के गोले भी दागे. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी और किसान बी घायल हुए. बावजूद इसके मंगलवार देर रात किसान बॉर्डर पर डटे रहे. ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ सैकड़ों किसान बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए हैं. आज एक बार फिर से किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. इसी बीच इस किसान आंदोलन को साल 2020 के किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि इस किसान आंदोलन और पहले के किसान आंदोलन में अंतर है. आखिर दोनों आंदोलन में क्या अंतर है, आइए जानते हैं.

कितना और क्यों अलग है किसान आंदोलन 2.0?: किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर कानून बनाने समेत कई मांगों को लेकर किसान एक बार फिर से सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर घमासान जारी है. वहीं, इस किसान आंदोलन को भी साल 2020 के किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन इस बार के आंदोलन में सभी किसान संगठन शामिल नहीं हैं. दरअसल इस बार किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले नहीं हो रहा है. इस बार इस आंदोलन में पंजाब-हरियाणा समेत अन्य कई राज्यों के अलग-अलग किसान संगठन शामिल हो रहे हैं.

भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी.

आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में फूट!:इस बार के किसान आंदोलन को लेकर किसान संगठनों में फूट की बात सामने आ रही है. भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी ग्रुप के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने इसके खुलासा किया है. गुरनाम चढ़ूनी ने कहा है 'कुछ नेता अपने खुद को बड़ा हीरो बनने के लिए भोले-भाले किसानों को गुमराह कर रहे हैं. ऐसे लोग आंदोलन के नाम पर भोले-भाले किसानों को बहला फुसला कर दिल्ली ले जा रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने हमें छोड़कर अन्य SKM नेताओं सहित किसानों को न्योता दिया है. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खुद दिल्ली जाने का फैसला किया है. एसकेएम नेताओं सहित किसान संगठनों को दिल्ली कूच का निमंत्रण नहीं दिया गया. लिहाजा उनका संगठन बिना बुलाए दिल्ली नहीं जा रहा.'

किसान नेताओं के अलग-अलग सुर: साल 2020 में हुए किसान आंदोलन में शामिल किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी इस बार अलग-अलग नजर आ रहे हैं. पंजाब के अमृतसर के रहने वाले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर किसान आंदोलन 2.0 की प्लानिंग की है.

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Last Updated : Feb 14, 2024, 11:49 AM IST

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