नई दिल्ली: यूरोपीय संघ (ईयू) और भारत ने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने की रुचि दिखाई है. दोनों पक्षों ने मंगलवार को नई दिल्ली में मैचमेकिंग कार्यक्रम के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट लॉन्च किया. इसका उद्देश्य यूरोपीय और भारतीय लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई) और स्वच्छ व हरित प्रौद्योगिकी क्षेत्र में स्टार्ट-अप के बीच सहयोग को बढ़ाना है.
सूचना और विशेषज्ञता का अपेक्षित आदान-प्रदान दुर्लभ सामग्रियों की व्यापकता को आगे बढ़ाने और भारत व यूरोपीय संघ को कार्बन तटस्थता की ओर बढ़ने में सहायक होगा. पिछले साल अप्रैल में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग के प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन द्वारा एक बैठक में घोषित भारत-ईयू व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) के तहत यह पहल शुरू की गई है. यह कार्यक्रम भारत और यूरोपीय संघ के बीच दीर्घकालिक एजेंडे, नवाचार और मजबूत आर्थिक संबंध को बढ़ावा देने के व्यापक प्रयास का भी हिस्सा है.
यह पहल ईवी बैटरी रीसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय संघ के स्टार्टअप को अपने उन्नत तकनीक को पेश करने और भारतीय व यूरोपीय उद्यम पूंजीपतियों से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसके लिए 12 स्टार्टअप, भारत और यूरोपीय संघ से छह-छह का चयन किया जाएगा और उन्हें इस साल जून में होने वाले मैचमेकिंग इवेंट के दौरान खुद को प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा.
छह स्टार्टअप (ईयू से तीन और भारत से तीन) को उनके प्रेजन्टेशन के बाद चुना जाएगा और इन्हें भारत और ईयू का दौरा करने का अवसर मिलेगा. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ईवी के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित स्टार्टअप की पहचान करना, उन्हें संभावित व्यापार के लिए सहयोग और बढ़ावा देना और चुने गए स्टार्टअप के लिए ग्राहक और निवेश के रास्ते तलाशना है.