रांची: झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से ईडी ने मंगलवार को 9 घंटे तक पूछताछ की. आलम दिन के 10:30 बजे ही ईडी के रांची जोनल ऑफिस पहुंच गए थे, जहां दिन के 11 बजे से उनसे एजेंसी के जांच पदाधिकारी ने पूछताछ शुरू की थी. मंत्री ने दावा किया है कि उन्होंने एजेंसी का पूरा सपोर्ट किया. ईडी दफ्तर से बाहर निकलते मंत्री ने सिर्फ इतना कहा कि मैंने हर सवाल का जवाब दिया.
संजीव के आमने-सामने बिठाकर हुई पूछताछ
ईडी दफ्तर पहुंचने के बाद आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद मंत्री आलमगीर आलम से बरामद 35 करोड़ को लेकर ही पहले पूछताछ शुरू की गई. पूछताछ के क्रम में मंत्री आलमगीर आलम के सामने उनके गिरफ्तार आप्त सचिव संजीव कुमार लाल को लाकर पूछताछ की गई. संजीव लाल ने भी पूछताछ में विभाग के निचले स्तर के कर्मियों से लेकर वरीय पदाधिकारियों के नाम लिए हैं.
वहीं उसने मंत्री समेत अन्य लोगों तक भी टेंडर आवंटन के कमीशन के पैसे पहुंचाने की बात स्वीकारी है. ऐसे में ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग की फरवरी 2020 के बाद की गतिविधियों के संबंध में पूरी जानकारी भी मंत्री से ली, विभाग में टेंडर आवंटन के नियम, उसमें कमीशनखोरी के पहलुओं पर भी मंत्री और उनके आप्त सचिव से पूछताछ की गई.
हालांकि एजेंसी के सवालों का दोनों ने क्या जवाब दिया, इसका खुलासा नहीं हो पाया है. एजेंसी को अंदेशा है कि बरामद 37.37 करोड़ राशि का बड़ा हिस्सा आलमगीर आलम का ही है. वहीं जांच में यह बात सामने आयी है कि मुन्ना सिंह के यहां से बरामद 2.93 करोड़ भी कमीशन के ही हैं. एक अन्य ठेकेदार राजीव कुमार सिंह ने भी स्वीकार किया है कि उसने कमीशन के 10 करोड़ आप्त सचिव संजीव लाल को दिए थे. राजीव के यहां से भी 2.14 करोड़ कैश बरामद किया गया था.
आलमगीर आलम के आय व्यय की जानकारी लिया ईडी ने
ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी के अधिकारियों ने पूछताछ की शुरूआत में आलमगीर आलम से उनके और उनके पारिवारिक सदस्यों के पूरे आय व्यय की जानकारी ली. मसलन उनके परिवार के दूसरे सदस्य क्या कारोबार करते हैं, उनकी आय कितनी है साथ ही संपत्तियों के विवरण भी पूछे गए. पूछताछ के आधार पर ही ईडी यह जांच करेगी कि मंत्री पद पर रहने के दौरान आलमगीर आलम और उनके परिवारजनों की आय या निवेश में बढ़ोतरी हुई है या नहीं. ईडी की रडार पर अब आलमगीर आलम के पारिवारिक सदस्य भी हैं.
संजीव की पत्नी से भी ईडी ने की पूछताछ