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महाकुंभ मेले के लिए 7 विशेष ट्रेनें चला रहा ईस्ट कोस्ट रेलवे - MAHA KUMBH MELA PRAYAGRAJ

ईस्ट कोस्ट रेलवे प्रयागराज में महाकुंभ मेले के लिए सात ट्रेनों का संचलन कर रहा है. इससे तीर्थयात्रियों को काफी सुविधा होगी.

Sadhus and train arrived at Maha Kumbh
महाकुंभ में पहुंचे साधु व ट्रेन (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 12, 2025, 10:23 PM IST

भुवनेश्वर: प्रयागराज में महाकुंभ मेले में तीर्थयात्रियों की सुगम यात्रा की सुविधा के लिए ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) ने सात विशेष ट्रेनें चला रहा है. ये सभी ट्रेनें प्रयागराज से होकर चलेंगी.

इस बारे में रेलवे ने बताया कि भुवनेश्वर - टूंडला - भुवनेश्वर कुंभ मेला स्पेशल ट्रेन खोरधा, कटक, जाजपुर, केंदुझार जिले से गुजरेगी. इसी प्रकार पुरी-टुंडला-पुरी कुंभ स्पेशल (पुरी, खोरधा, कटक, जाजपुर, बालेश्वर) और टिटिलागढ़-टुंडला-टिटिलागढ़ कुंभ स्पेशल (बलांगीर, बारगढ़, संबलपुर, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़) प्रयागराज जाएंगी.

इसी तरह विशाखापत्तनम - डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन)-विशाखापत्तनम कुंभ स्पेशल (रायगड़ा, बलांगीर, नुआपाड़ा), विशाखापत्तनम-गोरखपुर-विशाखापत्तनम कुंभ स्पेशल (गंजम, खोरधा, कटक, ढेंकनाल, अंगुल, संबलपुर, झारसुगुड़ा) तथा एफ.तिरुपति-बनारस-तिरुपति कुंभ स्पेशल (रायगड़ा, बलांगीर, बरगढ़, संबलपुर, झारसुगुड़ा, राउरकेला (सुंदरगढ़) व एनएस-बनारस-एनएस कुंभ मेला स्पेशल (रायगढ़ा, बलांगीर, बरगढ़, संबलपुर, झारसुगुड़ा, राउरकेला (सुंदरगढ़) प्रयागराज होकर चलेंगी. इन ट्रेनों के चलने से प्रयागरा महाकुंभ में शामिल होने के लिए आने-जाने वाले यात्रियों को काफी सुविधा होगी.

बता दें कि इस बार यूपी सरकार ने महाकुंभ में 45 करोड़ श्रद्धालुओं को संगम स्नान कराने का संकल्प लिया है, महाकुंभ 2025 की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में भक्तों और साधु-संतों का आगमन शुरू हो गया है. इस धार्मिक आयोजन में लाखों नागा साधु, सन्यासी और अन्य संत अपनी तपस्या, साधना और धार्मिक कार्यों में जुटे हुए हैं. कुंभ मेला सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष अवसर होता है, जहां वे धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और अपने जीवन के उद्देश्य को साधते हैं.

इस साल के महाकुंभ में जूना अखाड़ा प्रमुख भूमिका निभा रहा है, जिसमें नागा साधुओं का जमावड़ा देखा जा रहा है। नागा साधु, जो सन्यासी जीवन जीते हैं, कुंभ के इस मौके पर विशेष रूप से पूजा-पाठ में व्यस्त हैं. इन साधुओं की वेशभूषा और साधना को देख कर आम लोग भी प्रभावित होते हैं और कई लोग तो इन साधुओं के जीवन को अपनाने के लिए संन्यास धारण कर रहे हैं.

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