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RG Kar Case: संदीप घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन हो सकता है रद्द, डॉक्टरों के महासंघ ने NMC से की अपील - Sandip Ghosh

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2024, 8:27 PM IST

RG Kar Case Sandip Ghosh : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. वित्तीय गड़बड़ी मामले में गिरफ्तार घोष के मेडिकल रजिस्ट्रेशन पर तलवार लटक रही है. डॉक्टरों के महासंघ ने नेशनल मेडिकल काउंसिल को पत्र सौंपकर घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द करने की अपील की है. नई दिल्ली से गौतम देबरॉय से रिपोर्ट.

Doctors federation demands cancellation of medical registration of Sandip Ghosh
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (ANI)

नई दिल्ली: ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (AIFGDA) और पश्चिम बंगाल स्थित डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय गड़बड़ी मामले में गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द करने की मांग की है. डॉक्टरों के महासंघ ने नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) से यह अपील की है.

महासंघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को नई दिल्ली में एनएमसी के अधिकारियों से मुलाकात की और वित्तीय अनियमितताओं और अन्य अवैध गतिविधियों में घोष की संलिप्तता के संबंध में दस्तावेज सौंपे. एआईएफजीडीए के अतिरिक्त महासचिव सुवर्ण गोस्वामी ने कहा, "आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चल रही अवैध गतिविधियों के सबूत के तौर पर हमने सीबीआई को 1100 पन्नों के दस्तावेज भी सौंपे हैं."

डॉक्टरों के महासंघ के प्रतिनिधि प्रेस वार्ता करते हुए (ETV Bharat)

भारत में चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस को राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद नियंत्रित करती है. अगर कोई भारत में चिकित्सा का अभ्यास करना चाहता है, तो उसे एनएमसी में पंजीकरण कराना अनिवार्य है. हाल ही में, आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर की घटना के बाद भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने संदीप घोष की अखिल भारतीय सदस्यता रद्द कर दी थी.

डॉ गोस्वामी ने दावा किया कि सीबीआई को सौंपे गए डोजियर में पश्चिम बंगाल के अन्य सरकारी अस्पतालों की सूची भी शामिल है, जहां वित्तीय विसंगतियां और अन्य अवैध गतिविधियां चल रही हैं. उन्होंने कहा, "कई सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हैं, जहां राज्य मशीनरी के सक्रिय समर्थन से अवैध गतिविधियां और मनी लॉन्ड्रिंग चल रही है."

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी सार्वजनिक संस्थानों और यहां तक कि स्वायत्त निकायों पर भी सत्तारूढ़ दल के गिरोहों ने कब्जा कर लिया है. डॉ. गोस्वामी ने कहा, "राज्य प्रशासन और वित्तीय तथा सामाजिक भ्रष्टाचार के सिंडिकेट के बीच गहरी मिलीभगत है."

यह सामूहिक दुष्कर्म की घटना थी...
आरजी कार अस्पताल की घटना पर डॉ. गोस्वामी ने आरोप लगाया कि यह सामूहिक दुष्कर्म की घटना थी और न्यायपालिका को मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक आधार पर करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "यह सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की संभावित घटना थी. हम सुप्रीम कोर्ट से पीड़िता को फास्ट ट्रैक आधार पर न्याय देने की अपील करते हैं. कोलकाता में चल रहा आंदोलन राष्ट्रव्यापी आंदोलन बन गया है, जिसमें आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है."

जब तक न्याय नहीं मिलता, लड़ाई जारी रहेगी...
डॉ. गोस्वामी ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी. हमारे हजारों डॉक्टर न्याय की मांग को लेकर कोलकाता की सड़कों पर हैं. डॉ. गोस्वामी ने कहा, "तीन सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है; सरकार अभी तक घटना के पीछे के मकसद का पता नहीं लगा पाई है. यहां तक कि लोग भी इस सुनियोजित हत्या के सही मकसद को जानने में विफल रहे हैं. कड़ी से कड़ी सजा तो दूर की बात है. लेकिन फिर भी सभी लोग इस देश के लोकतांत्रिक संवैधानिक ढांचे के भीतर न्याय के लिए अपने आशावादी विश्वास के साथ अडिग लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं."

हम मरीजों की देखभाल कैसे कर सकते हैं...
इस भयावह घटना की पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर चल रहे तमाम आंदोलन के बीच कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर कुमारी अर्चना ने ईटीवी भारत को बताया कि 9 अगस्त की घटना के बाद वह कितनी डरी हुई हैं. कोलकाता मेडिकल कॉलेज से डिग्री हासिल करने वाली डॉ कुमारी ने कहा, "इस वीभत्स घटना के बाद अगली रात मैं नाइट ड्यूटी पर थी. मैं अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह डरी हुई थी. मैं आराम करने के लिए शौचालय भी नहीं गई. अगर डॉक्टर अस्पताल में सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते, तो वे मरीजों की देखभाल कैसे कर सकते हैं. पहले निर्भया थी और अब अभया है. सरकार को और क्या चाहिए."

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