बलांगीर:ओडिशा के बलांगीर जिले के तलपली पाड़ा गांव के बर्खास्त सीआरपीएफ जवान सुधीर दास ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. सुधीर दास की नियुक्ति 2008 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में हुई थी. सेवा के दो साल बाद यानी 2010 में उसके खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगा. उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. विभागीय कार्रवाई के तहत उसे नौकरी से निकाल दी गई.
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 2018 में बलांगीर की एक अदालत ने उसे बरी कर दिया. बाद में उसने सीआरपीएफ में फिर से नौकरी के लिए याचिका लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 20 नवंबर 2024 को उड़ीसा हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने इस फैसले की समीक्षा की और संबंधित विभाग को उसे सेवा से बर्खास्तगी जैसी सख्त सजा न देने का निर्देश दिया. सुधीर ने आरोप लगाया है कि कोर्ट के आदेश के 90 दिन बाद भी सीआरपीएफ ने उस पर अमल नहीं किया है.
14 साल की कानूनी लड़ाई
14 साल की कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने उसे बरी कर दिया. सुधीर का आरोप है कि अब सीआरपीएफ कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है. नतीजतन उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है.