पटना:बिहार बीजेपी में बड़ा फेड़बदल किया गया है. पार्टी ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है. उनकी जगह दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई. एनडीए में नीतीश कुमार के शामिल होने के बाद पार्टी ने सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया था. इसके बाद से ही ऐसी अटकलें थी कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी और को दी जा सकती है. बिहार प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर शीर्ष नेतृत्व की ओर से पत्र जारी कर दिया गया है.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने जारी किया पत्र: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने पत्र जारी किया है. जिसमें लिखा गया है कि 'बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ. दिलीप जायसवाल को भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश का अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी.'
36 फीसदी अतिपिछड़ा वोट बैंक पर नजर :दरअसल दिलीप जायसवाल कलवार जाति से आते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी ने वैश्य वोट बैंक यानी 36 फीसदी अतिपिछड़ा वोटर को साधने की कोशिश की है. दिलीप जायसवाल खगड़िया जिले के रहने वाले हैं, लेकिन राजनीति सीमांचल की करते है. ऐसे में पार्टी नेताओं का मानना है कि किशनगंज, कटिहार, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया और अररिया में बीजेपी को मजबूती मिलेगी.
कोर वोटर पर लौटी बीजेपी: बता दें कि बिहार में एनडीए को नौ सीटों का नुकसान हुआ था. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए 39 सीटों पर जीती थी लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में एनडीए की 10 सीटों पर हार हुई. चुनाव के नतीजे का ही असर है कि बीजेपी अब अपने कोर वोटर की ओर लौटने लगी है. पार्टी ने बनिया समुदाय से आने वाले नेता दिलीप जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.
इस फैसले से BJP को कितना फायदा : वहीं वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद यह तय था कि कोई नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा. दिलीप जायसवाल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के पीछे मकसद यह है 36 प्रतिशत अति पिछड़ा वोट को साधना. दिलीप जायसवाल की छवि बेदाग रही है और वह बड़े कारोबारी भी है. इसके अलावा दिलीप जयसवाल को संघ का भी समर्थन प्राप्त है.