नई दिल्ली:नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यू-टर्न लेते हुए, जो पायलटों के लिए संशोधित उड़ान शुल्क मानदंडों के कार्यान्वयन पर अड़ा हुआ था, अचानक अपना रुख बदल दिया. जो 1 जून से प्रभावी होने वाले थे, इसके कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया है.
26 मार्च की देर रात अपलोड किए गए संशोधित नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) में डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइंस बिना किसी समयसीमा का उल्लेख किए मौजूदा उड़ान शुल्क समय सीमा (एफडीटीएल) नियमों को जारी रख सकती हैं. यह कदम इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट के फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) द्वारा पिछले महीने 1 जून की समय सीमा को स्थगित करने के लिए डीजीसीए को लिखे जाने के बाद आया है.
इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि नए नियमों के कार्यान्वयन से एयरलाइंस को '15% से 25%' अधिक पायलटों को नियुक्त करने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए उन्हें 8-10 महीने की आवश्यकता होगी. यह भी कहा कि अगर डीजीसीए समय सीमा को स्थगित नहीं करेगा तो आगामी गर्मी के मौसम में उड़ानें और अधिक रद्द होंगी. वहीं इसके जवाब में डीजीसीए ने तब कहा था कि संशोधित कार्यक्रम 1 जून से लागू किया जाएगा.