वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सरकार निर्यात को लेकर आशावादी - Govt is Optimistic About Exports
चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय निर्यात में तेजी रहने की संभावना है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का अनुमान है कि युद्ध, लाल सागर संकट और दुनिया के बड़े हिस्से में चुनाव होने के बावजूद इस साल चुनौतियां हैं, लेकिन भारतीय निर्यात के अच्छे स्तर पर बने रहने की उम्मीद है. पढ़ें सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट...
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (फोटो - ANI Photo)
नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, चालू वित्त वर्ष में भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 800 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2023-24 में निर्यात 778.2 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा, जिसमें वस्तुओं का योगदान 437.1 बिलियन अमरीकी डॉलर और सेवाओं का योगदान 341 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा.
मंत्री ने कहा कि यूरोप जैसे प्रमुख लोकतंत्रों में आगामी चुनावों के बीच, मई में भारत के निर्यात में 9 प्रतिशत की वृद्धि एक बहुत ही सकारात्मक संकेतक है. यह वृद्धि भारत के साथ व्यापार और निवेश में वैश्विक रुचि को रेखांकित करती है. गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि इस वित्तीय वर्ष में भारत 800 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का ऐतिहासिक निर्यात हासिल करेगा.
उन्होंने रत्न और आभूषण निर्यातकों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान ये टिप्पणियां कीं. भारत ने मार्च तिमाही में 5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का चालू खाता अधिशेष हासिल किया, जो सकल घरेलू उत्पाद के 0.6 प्रतिशत के बराबर है. यह दस तिमाहियों में देश की बाहरी आर्थिक ताकत के इस प्रमुख उपाय में अधिशेष की पहली घटना है.
उन्होंने आगे बताया कि मंत्रालय 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विदेशों में भारतीय मिशनों और निर्यात संवर्धन परिषदों के साथ मिलकर काम कर रहा है. गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले वर्ष के चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी सकारात्मक रुझानों को दर्शाती है, जिससे विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए निर्यात में वृद्धि की उम्मीद है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में भारत का व्यापारिक निर्यात 9.1 प्रतिशत बढ़कर 38.13 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, हालांकि इस महीने व्यापार घाटा बढ़कर सात महीने के उच्चतम स्तर 23.78 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया. इसके अतिरिक्त, मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर देने से तेल आयात को कम करने में मदद मिलेगी.
मंत्रालय निर्यात बढ़ाने, खासकर मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए मसालों, रबर, तंबाकू, चाय और कॉफी जैसे बागान बोर्डों के साथ बैठकों की एक श्रृंखला में सक्रिय रूप से शामिल है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने घरेलू हीरा पॉलिशिंग उद्योग के हितों की रक्षा के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) और जी7 देशों द्वारा रूसी मूल के बिना पॉलिश किए गए हीरों के आयात पर प्रतिबंध को प्राथमिकता दी है.
गोयल ने कहा कि भारत ने हाल ही में हुई बैठक में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है. मंत्री ने आश्वासन दिया कि हमारा मंत्रालय और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद यूरोपीय संघ और जी7 देशों के साथ लगातार संवाद बनाए हुए हैं. हम भारतीय उद्योग पर किसी भी संभावित प्रभाव को कम करने के लिए उनके साथ बातचीत जारी रखेंगे.