नई दिल्ली:नवगठित दिल्ली विधानसभा सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद मंगलवार को नवगठित विधानसभा उपराज्यपाल का अभिभाषण हुआ. उपराज्यपाल वीके सक्सेना जब विधानसभा पहुंचे तब विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वागत किया. सदन में जब अपना भाषण देने पहुंचे तो विपक्ष के विधायकों ने सीएम ऑफिस से भगत सिंह और अंबेडकर की फ़ोटो हटाने के मुद्दे को लेकर नारे लगाने शुरू किए. विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की, लेकिन जब आप विधायक शान्त नहीं हुए तब उन्हें मार्शल के जरिए बाहर निकाला गया.
आठवीं विधानसभा सत्र में सभी का स्वागत:विपक्ष के हंगामें के बीच उपराज्यपाल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत की. उन्होंन दिल्ली की आठवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में सभी का स्वागत किया. विधानसभा के इस उद्घाटन सत्र में, चुनावों के सफल एवं शांतिपूर्ण आयोजन के लिए सरकार सम्मानित मतदाताओं और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ, प्रशासनिक मशीनरी के प्रयासों की भी सराहना की. साथ ही सभी निर्वाचित सदस्यों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं विशेष रूप से उन 32 सदस्यों को, जो इस प्रतिष्ठित सदन में पहली बार निर्वाचित हुए है. निर्वाचित 05 महिला सदस्यों का भी विशेष स्वागत किया.
विधानसभा के इतिहास को बताया:उपराज्यपाल ने कहा इस ऐतिहासिक भवन में स्थित इस सदन का हिस्सा होना, अपने आप में ही गर्व का विषय है. यह ऐतिहासिक एवं भव्य इमारत 1912 से 1926 तक, Imperial Legislative Council तथा Central Legislative Assembly यानि कि तत्कालीन भारत की संसद हुआ करती थी. आज जिस आसन पर माननीय अध्यक्ष बैठे हैं, उस पर कभी महान स्वतन्त्रता सेनानी और मां भारती के सपूत विठ्ठलभाई पटेल आसीन हुआ करते थे. इसी ऐतिहासिक इमारत में Rowlatt Act पास हुआ और स्वतन्त्रता संग्राम की अनेक गाथाएं लिखी गईं.
नई बीजेपी सरकार के संकल्प पत्र का किया उल्लेख:उपराज्यपाल ने कहा कि इस जनादेश द्वारा दिल्ली की जनता ने सरकार और उसके संकल्प पत्र में समाहित नीतियों पर विश्वास व्यक्त किया है. सरकार को प्राप्त यह जनादेश, दिल्लीवासियों की आकांक्षाओं का सकारात्मक प्रतीक है और उनकी, अब तक अनदेखी और उपेक्षित आशाओं और अपेक्षाओं को प्रतिबिंबित करता है. इस जनादेश को स्वीकार करते हुए, अपने आप को महात्मा गांधी के सर्वोदय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय तथा बाबा साहेब के समता के सिद्धांतों के प्रति, प्रतिबद्ध करता है. सरकार इस प्रचंड जनादेश को उन नीतिगत बदलावों की स्वीकृति के रूप में देखती है, जिनका वादा हमने जनता से किया था. लोगों ने न केवल व्यक्तिगत, बल्कि समावेशी विकास, नए दृष्टिकोण और न्यायसंगत प्रगति की मेरी सरकार की रूपरेखा में, विश्वास जताते हुए, अपना समर्थन दिया है.
जनता ने विकसित दिल्ली संकल्प पत्र पर विश्वास जताया:अपने अभिभाषण में उपराज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की जनता ने विकसित दिल्ली' संकल्प पत्र में अपना विश्वास प्रकट कर, नयी सरकार को जनादेश देकर, सेवा का अवसर प्रदान किया है. सरकार पारदर्शी, और जवाबदेह सुशासन प्रदान करने के लिये संकल्पबद्ध है, जहां भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं होगा. प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास और सबका सम्मान का मूल मंत्र, मेरी सरकार की दिशा तय करेंगे. मेरी सरकार इन्हीं सिद्धांतों पर, लोगों की सेवा करने, न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व, जो भारत के संविधान की प्रस्तावना में निहित है, पर आधारित प्रशासनिक व्यवस्था, के प्रति समर्पित है.
सरकार लोगों की बढ़ती उम्मीदों के प्रति पूरी तरह सचेत.सरकार 'विकसित दिल्ली' संकल्प-पत्र को, नीतिगत दस्तावेज के रूप में, अंगीकार करेगी, और आमजन से किए गए वादों को पूरा करने के साथ ही, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की दिशा में आगे बढ़ेगी. यह नीतिगत दस्तावेज, वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. इस सम्बन्ध में, सभी विभागाध्यक्षों को, 100 दिवसीय कार्य योजना बनाकर, विकास की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिये गये हैं. सरकार ने, मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्टों को, विधानसभा के पटल पर रखे जाने का निर्णय लिया है, जिससे पिछली सरकार की प्रशासनिक कमियों को जानने और उन्हें दूर करने का मार्ग प्रशस्त होगा. उन्होंने कहा आने वाले कुछ महीनों में, सरकार की पहली प्राथमिकता, सड़कों, नालियों, सीवर लाइनों, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा पीने के पानी की समस्याओं को दुरुस्त करने की होगी. साथ ही सरकार, अब तक की लचर और भ्रष्ट शासकीय व्यवस्था, जिसको विज्ञापनों के मायाजाल ने छुपा रखा था, उसे तत्काल प्रभाव से, भ्रष्टाचार मुक्त कर सुदृढ़ और सुचारू बनाएगी.
सरकार का राजस्व बढ़ाने का जिक्र:उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार का दृढ प्रयास होगा कि, दिल्ली में राजस्व प्राप्ति को बढ़ावा दिया जाए, ताकि जन-कल्याणकारी तथा दीर्घकालिक ढांचागत योजनाओं के लिए, पर्याप्त धन राशि उपलब्ध हो. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार, दिल्ली के सतत औद्योगिक विकास, तथा आर्थिक गतिविधियों एवं रोजगार को बढ़ावा देने वाली, अनेक योजनाओं को लागू करेगी. सरकार का मानना है कि Perpetuation of Poverty and Maintenance of Status Quo, cannot be a Matter of State Policy. इसके मद्देनज़र, मेरी सरकार समाज के सभी वर्ग - निम्न, निम्न मध्यम, मध्यम तथा उच्च, सभी के inclusive development का प्रयास करेगी. साथ ही, पहले दिन से ही मेरी सरकार, यमुना की सफ़ाई तथा वायु प्रदूषण की समस्या से निबटने के लिए अल्प, मध्यम तथा दीर्घकालिक परियोजना के तहत काम करेगी.