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आईआईटी-रुड़की और जेएनयू के छात्र कर रहे हैं सीपीआई के सोशल मीडिया वॉर रूम का नेतृत्व - Lok Sabha Election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

CPI Social Media War Room : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने शनिवार को केंद्र में सरकार बदलने का आह्वान करते हुए अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया. पार्टी ने दावा किया है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार देश के लिए विनाशकारी साबित हुई है. पार्टी आगामी चुनाव में देश भर में कम से कम 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ईटीवी भारत के गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

CPI Social Media War Room
CPI Social Media War Room

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 7, 2024, 2:03 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव अभियानों में सोशल मीडिया के प्रभाव से अवगत होने के कारण, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने अपनी सोशल मीडिया टीम का नेतृत्व करने के लिए आईआईटी (रुड़की), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों को शामिल किया है.

पार्टी ने नई दिल्ली में अपने मुख्यालय अजय भवन में समन्वय कार्यालय के रूप में एक वॉर रूम भी स्थापित किया है जो संपूर्ण सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखता है. ईटीवी भारत से सीपीआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रोफेसर दिनेश सी वार्ष्णेय ने कहा कि हां, हमने केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु में अपनी राज्य शाखाओं को सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग करने के लिए कहा है.

पार्टी पूरे भारत में कम से कम 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, उसने शनिवार को भाजपा को सत्ता से हटाने के आह्वान के साथ अपना चुनाव घोषणापत्र जारी किया है. सीपीआई महासचिव डी राजा ने 28 पन्नों का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि घोषणापत्र केंद्र में सरकार बदलने का आह्वान करता है. पार्टी ने अपने अपने घोषणा पत्र में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार का शासन देश के लिए विनाशकारी साबित हुआ है.

उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन के परिणामस्वरूप शीर्ष पर धन का अभूतपूर्व संकेंद्रण हुआ है जबकि गरीबों को गरीबी की ओर धकेल दिया गया है. राजा ने कहा कि आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा से नियंत्रित, भाजपा हमारे संविधान के मूल मूल्यों जैसे धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद, संघवाद, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को लक्षित कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के सत्ता में बने रहने का मतलब होगा हमारे देश के लोगों के लिए दुख में वृद्धि और हमारे संविधान और उसमें निहित आदर्शों के लिए मौत की घंटी.

यह कहते हुए कि 2024 का चुनाव देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. राजा ने कहा कि लोग जिस संकट का सामना कर रहे हैं उसे दूर करने के एजेंडे के साथ एक जन-समर्थक सरकार आवश्यक है. हम मतदाताओं से अपील करते हैं कि वे 18वीं लोकसभा में वामपंथ को मजबूत करने के लिए एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, जन-समर्थक विकल्प के लिए वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करें.

उन मुद्दों को रेखांकित करते हुए जिन्हें उनकी पार्टी चुनाव अभियान के दौरान आगे बढ़ाएगी. राजा ने कहा कि सीपीआई बढ़ती असमानता को दूर करने के उपाय पेश करेगी और प्रकृति को बनाए रखने के लिए संपत्ति कर, विरासत कर और बढ़े हुए कॉर्पोरेट कर जैसे कराधान उपायों के साथ हमारे देश के संसाधन आधार का विस्तार करेगी. हमारी अर्थव्यवस्था अधिक समान है.

यह दोहराते हुए कि सीपीआई नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को खत्म करने के लिए काम करेगी. राजा ने कहा कि उनकी पार्टी पुडुचेरी और एनसीटी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी. राजा ने कहा कि भाकपा विशेष राज्य का दर्जा और विधानसभा चुनाव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी.

उन्होंने दावा किया कि सीपीआई एनसीईआरटी और अन्य पाठ्य पुस्तकों में भाजपा की ओर से लाए गए सभी अतार्किक और सांप्रदायिक परिवर्तनों को रद्द कर देगी. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) को खत्म कर दिया जाएगा. उसके स्थान पर पूरे देश के लिए शिक्षा का जन-समर्थक मॉडल लागू किया जाएगा.

राजा ने कहा कि नीति आयोग को खत्म कर दिया जाएगा. हमारे देश के लिए वैज्ञानिक नीतियां बनाने के लिए योजना आयोग को बहाल किया जाएगा. सीपीआई भारत के चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए सीईसी और ईसी की नियुक्तियों में कार्यकारी हस्तक्षेप को हटाने का प्रयास करेगी.

सीपीआई नेता ने आगे कहा कि उनकी पार्टी व्यापक चुनाव सुधारों के लिए जनता की राय जुटाएगी, जिसमें इंद्रजीत गुप्ता समिति की सिफारिश के अनुसार चुनावों का राज्य वित्त पोषण और आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली शामिल है.

उन्होंने कहा कि सीपीआई का लक्ष्य ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों को संसद के दायरे में लाना है ताकि उनकी जांच में निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके और कार्यपालिका के हस्तक्षेप और दुरुपयोग से बचा जा सके. राजा ने कहा कि परिसीमन की धाराओं को हटाकर महिला आरक्षण कानून तुरंत लागू किया जाएगा. राजा ने कहा कि हम पंचायत राज संस्थानों के सभी स्तरों पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करेंगे.

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