नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह को कोई राहत नहीं दी है, बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ महिला पहलवानों के यौन शोषण के मामले में दर्ज FIR और ट्रायल कोर्ट के आरोप निरस्त करने के लिए याचिका दायर की थी. जिस पर हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने कहा कि आप ट्रायल शुरु होने के बाद पूरा केस खत्म करना चाहते हैं. मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी.
हाईकोर्ट ने कहा कि जब ट्रायल शुरू हो चुका है तब आप आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दे रहे हैं. आप परोक्ष रुप से पूरा केस खत्म करना चाहते हैं. सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने कहा कि ये पूरा मामला छिपे हुए एजेंडा (HIDDEN AGENDA)का है. शिकायतकर्ता नहीं चाहते हैं तो याचिकाकर्ता भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर रहे. हाईकोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के वकील को दो हफ्ते के अंदर लिखित नोट दाखिल करने का निर्देश दिया.
इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में 26 जुलाई से ट्रायल शुरू हो चुका है. 21 मई को बृजभूषण शरण सिंह और दूसरे सह आरोपी विनोद तोमर ने कोर्ट से कहा था कि वे ट्रायल का सामना करेंगे. दोनों ने मामले में कोर्ट द्वारा तय आरोपों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि कोई गलती नहीं किया है तो मानने का सवाल ही नहीं है.
बता दें कि राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 10 मई को कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने छह में से पांच महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था जबकि एक महिला पहलवान के आरोपों के मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बरी कर दिया था.