नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने भलस्वा डेयरी में अतिक्रमण की कार्यवाही के दौरान चार लोगों की मौत होने की गलत सूचना पर सख्त नाराजगी जताई है. कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने कहा कि वहां चार मौत हुई, लेकिन कोई मौत नहीं है, यह पूरी तरह से गलत है. आप इस मामले में कोई भावनात्मक और राजनीतिक रूप न दें.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा हम राजनीति से दूर रहते हैं हमें राजनीति में शामिल न करें, जिस समय आपने यह किया हमको पता था कि आप यह क्यों कर रहे हैं. आपका यह कहना कि चार लोगों की मौत हो गई यह पूरी तरह से गलत है. क्या कोर्ट के आदेश की वजह से 4 मौत हुई. इस मामले को स्कैन्डलाइज मत करिए.
डेमोलिशन के लिए पहुंची थी नगर निगम की टीम
सुनवाई के दौरान दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट को भरोसा दिया कि वह 16 अगस्त को होने वाली सुनवाई तक वहां कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी. दरअसल, आज भलस्वा डेयरी के निवासियों की ओर से एक वकील ने इस मामले को कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि दिल्ली नगर निगम के बुलडोजर भारी पुलिस बल के साथ इलाके में डेमोलिशन करने पहुंच गए हैं. उसके बाद दिल्ली नगर निगम ने हाईकोर्ट को 16 अगस्त तक कोई कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिया.
बता दें कि इसके पहले 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कालोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश दिया था. इसी आदेश का अनुपालन करते हुए दिल्ली नगर निगम की टीम पुलिस बलों के साथ भलस्वा डेयरी डेमोलिशन करने पहुंची थी.
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