नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ट्रायल कोर्ट से मिली दस साल की सजा को निलंबित करने की मांग वाली याचिका खारिज दी है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने कुलदीप सेंगर की याचिका खारिज करने का आदेश दिया.
सेंगर ने याचिका दायर कर कहा था कि 10 साल कैद की सजा में उसने करीब 6 साल की कैद की सजा पूरी कर ली है. अभियोजन का केस केवल परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार जब कोई आरोपी दोषी करार दिया जाता है तो निर्दोष होने का अनुमान खत्म हो जाता है. सजा को निलंबित करने पर विचार करते समय दोषी की घटना में उसकी भूमिका और अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखा जाता है. कुलदीप सेंगर ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जो अभी लंबित है.
बता दें कि 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर सहित सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी.