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कुत्तों से बाघ और गुलदारों पर खतरा! कॉर्बेट प्रशासन अलर्ट, जानिए क्या है ये मुसीबत - Canine Distemper Virus

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 7, 2024, 4:09 PM IST

Updated : May 7, 2024, 7:12 PM IST

Danger from Dogs to Tigers And Leopards बाघ से कुत्तों को खतरा होना आम बात है, लेकिन ये सुनकर आप भी चौंक जाएंगे कि कुत्ते बाघों और गुलदार के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. जी हां ये सच है. कुत्तों की वजह से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों और गुलदारों समेत अन्य शिकारी जानवरों पर खतरा मंडरा रहा है. जिसे लेकर कॉर्बेट पार्क प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है.

Corbett National Park Canine Distemper Virus
कैनाइन डिस्टेंपर डिजीज (फोटो- ईटीवी भारत)

कुत्तों से बाघ और गुलदारों पर खतरा! (वीडियो- ईटीवी भारत)

रामनगर: आमतौर पर कुत्तों को बाघों से खतरा होता है, लेकिन कॉर्बेट में कुत्तों से बाघों पर खतरा मंडरा रहा है. जी हां, इसकी वजह एक वायरस है. जिससे बाघों को कुत्तों से खतरा हो गया है. यह वायरस कैनाइन डिस्टेंपर है, जो कुत्तों में फैलता है. ऐसे में कोई बाघ या गुलदार इन कुत्तों का शिकार करता है तो उसे भी यह वायरस जकड़ सकता है. लिहाजा, कॉर्बेट प्रशासन को पार्क के कुत्तों को कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से बचाने के लिए शासन की अनुमति मिल चुकी है.

देशभर के टाइगर रिजर्व के लिए एसओपी जारी:देश में बाघों को कुत्तों से खतरा पैदा हो गया है. इसी खतरे को भांपते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने देश के सभी टाइगर रिजर्व के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) जारी किया है. जिसके तहत अब टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में रह रहे आवारा कुत्तों का टीकाकरण और बधियाकरण करने के निर्देश दिए गए हैं.

रामनगर में कुत्ते (फोटो- ईटीवी भारत)

बाघ और गुलदार समेत अन्य शिकारी जानवरों को बचाने की कवायद:बाघों को कुत्तों से सीधे तौर पर तो कोई खतरा नहीं है, लेकिन केनाइन डिस्टेंपर डिजीज (Canine Distemper Virus) नामक वायरस जो कुत्तों से फैलता है, यह बाघों को भी अपनी चपेट में ले सकता है. कैनाइन डिस्टेंपर वायरस से बाघ और गुलदार को बचाने के लिए प्रोजेक्ट को सरकार से मंजूरी मिल गई है. अब जल्द ही कॉर्बेट पार्क से लगते लैंडस्केप क्षेत्रों में कुत्तों का टीकाकरण शुरू किया जाएगा.

खतरनाक है कैनाइन डिस्टेंपर वायरस: बता दें कि आवारा कुत्तों से जंगल में बाघ और गुलदार जैसे अन्य वन्यजीवों में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (सीडीवी) बीमारी पहुंच सकती है. कुत्तों से सीडीवी बीमारी वन्यजीवों में ट्रांसमिट होती है. जब बाघ, गुलदार आदि उसका शिकार करते हैं तो वो खतरनाक वायरस उनमें पहुंच जाता है. यह बीमारी दिमाग को प्रभावित करती है. इस बीमारी के लक्षण की बात करें तो तेज बुखार और लकवा पड़ सकते हैं. जिसके बाद उनकी मौत हो जाती है. बीमारी के खतरे को देखते हुए एनटीसीए और वन महकमा सतर्क हो गया है.

पार्क परिसर में कुत्ता (फोटो- ईटीवी भारत)

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में किया जा रहा ये काम:कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडे ने बताया कि कैनाइन डिस्टेंपर वायरस को लेकर पहले से ही कॉर्बेट प्रशासन अलर्ट मोड पर है. उन्होंने कहा कि अलग-अलग पार्कों में K9 डिस्टेंपर वायरस से बाघों और शेरों की मौत के मामले रिकॉर्ड हुए हैं. नेपाल में भी इस वायरस से 4 बंगाल टाइगर की मौत हो चुकी है. ऐसे में इसको रोकने के लिए उनकी ओर से एक प्रोजेक्ट बनाया गया था, जिसको मंजूरी मिल चुकी है.

उत्तराखंड का कॉर्बेट पार्क पहला ऐसा पार्क है, जिसको इसको लेकर मंजूरी मिली है. उन्होंने कहा कि कॉर्बेट पार्क और आसपास के क्षेत्र में रहने वाले आवारा कुत्तों को उनकी ओर से वैक्सीनेट करने की कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी. उसके साथ एक डिजीज सर्विलांस प्रोटोकॉल भी शुरू किया जाएगा. ताकि, बाघ में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके.

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Last Updated : May 7, 2024, 7:12 PM IST

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