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'...खाना पकाने लिए रोज खर्च करते हैं 5 रुपये', हरदीप पुरी ने समझाया गणित - Hardeep Puri - HARDEEP PURI

Ujjwala Beneficiaries: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सिलेंडर के माध्यम से खाना पकाने की लागत की गणना की. उन्होंने बताया कि उज्ज्वला कनेक्शन पाने वाले परिवार खाना पकाने लिए प्रतिदिन केवल पांच रुपये खर्च करते हैं.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2024, 12:33 PM IST

नई दिल्ली:केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों को खाना पकाने के खर्च में होने वाली वित्तीय बचत पर प्रकाश डाला.उन्होंने मंगलवार क 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि उज्ज्वला कनेक्शन पाने वाले परिवार खाना पकाने लिए प्रतिदिन केवल पांच रुपये खर्च करते हैं, जबकि नॉन-उज्ज्वला परिवार प्रतिदिन लगभग 12 रुपये खर्च करते हैं.

पुरी ने कहा कि उज्ज्वला लाभार्थियों को एलपीजी सिलेंडर 500 रुपये में मिलता है और वे किसी अन्य माध्यम से खाना पकाने की तुलना में अपने खाना पकाने के खर्च में काफी बचत करते हैं.

केंद्रीय मंत्री ने समझाया गणित
उन्होंने कहा, "हम एक परिवार के लिए एक दिन में सिलेंडर के माध्यम से खाना पकाने की लागत की गणना कर रहे थे. अगर आप उज्ज्वला कनेक्शन के लाभार्थी हैं और आपको सिलेंडर 500 रुपये में मिल रहा है, तो एक परिवार का प्रतिदिन खाना पकाने का खर्च पांच रुपये से थोड़ा अधिक है. अगर आप एक गैर-उज्ज्वला लाभार्थी हैं और अगर आप एक सामान्य सिलेंडर (यूजर) हैं, तो मुझे लगता है कि यह लागत लगभग 12 रुपये होगी.

एलपीजी कनेक्शन की संख्या में इजाफा
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों पर गहरा प्रभाव डाला है, जहां पहले स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक सीमित पहुंच थी. मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में एलपीजी कनेक्शनों की संख्या 2014 में 14 करोड़ से बढ़कर 2024 में 33 करोड़ से अधिक हो गई है, जिसका मुख्य कारण उज्ज्वला योजना की सफलता है.

विपक्ष पर साधा निशाना
बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला योजना का उद्देश्य वंचित परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना है, जिससे लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन पर उनकी निर्भरता कम हो सके. विपक्ष पर निशाना साधते हुए पुरी ने एलपीजी की कीमतों के मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए उनकी आलोचना की.

उन्होंने कहा, "जब विपक्ष अपने समय में सिलेंडर की कीमतों पर राजनीतिक टिप्पणी करता है, तो मैं कहता हूं कि आपके समय में सिलेंडर नहीं थे." केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जब विपक्ष सत्ता में था, तब कोई उज्ज्वला योजना नहीं थी. मंत्री ने यह भी बताया कि उज्ज्वला के 80 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, जहां योजना की शुरूआत से पहले लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन का इस्तेमाल बहुत अधिक किया जाता था.

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