नई दिल्ली: कांग्रेस हाईकमान ने जम्मू-कश्मीर और झारखंड में नए प्रमुखों के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है, ताकि दोनों राज्यों में ज्यादा से ज्यादा चुनावी लाभ मिल सके. दोनों प्रदेशों की इकाइयों से मिले इनपुट के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी सहित हाईकमान ने जम्मू-कश्मीर और झारखंड में नए टीम प्रमुखों की नियुक्ति करने का फैसला किया है. जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. झारखंड में भी इस साल के अंत में महाराष्ट्र के साथ विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.
कांग्रेस ने सधी चाल चलते हुए कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के स्थायी आमंत्रित सदस्य तारिक हमीद कर्रा को जम्मू-कश्मीर इकाई का नया प्रमुख नियुक्त किया और बदले में पूर्व पीसीसी प्रमुख विकार रसूल वानी को सीडब्ल्यूसी में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में केंद्रीय पद पर भेज दिया.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, राज्य में पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग वानी की कार्यशैली से नाराज था. कर्रा पूर्व पीडीपी नेता हैं और उनका भाजपा विरोधी रुख रहा है. कर्रा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में श्रीनगर में कांग्रेस-एनसी के संयुक्त उम्मीदवार फारूक अब्दुल्ला को हराया था. 2017 में पीडीपी द्वारा भाजपा के साथ मिलकर राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए.
कांग्रेस (एआईसीसी) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख के रूप में कर्रा विधानसभा चुनाव में पीडीपी और भाजपा दोनों का मुकाबला करेंगे और कश्मीर घाटी में पार्टी की संभावनाओं को आगे बढ़ाएंगे."
तारा चंद पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त
जम्मू-कश्मीर में एक अन्य महत्वपूर्ण नियुक्ति में कांग्रेस हाईकमान ने पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद का मुकाबला करने और जम्मू क्षेत्र में पार्टी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनुभवी तारा चंद को पीसीसी का नया कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया. तारा चंद ने 2022 में आजाद की पार्टी डीपीएपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन बाद में अपनी गलती का अहसास होने के बाद वह वापस कांग्रेस में आ गए थे. तारा चंद के अलावा, कांग्रेस हाईकमान ने अनुभवी रमन भल्ला को भी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिन्होंने जम्मू सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था.