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कांग्रेस विपक्षी एकता दिखाने के लिए इंडिया गठबंधन के 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' पर कर रही विचार - common minimum program

By Amit Agnihotri

Published : Apr 20, 2024, 3:18 PM IST

Common Minimum Program, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इंडिया गठबंधन की एकता दिखाने के लिए कांग्रेस के द्वारा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम लाने की योजना बनाई जा रही है. उक्त जानकारी कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य जगदीश ठाकोर ने दी. पढ़िए पूरी खबर...

Congress Party (symbolic)
कांग्रेस पार्टी (प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली :मौजूदा लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्षी एकता को मजबूत करने और सामाजिक कल्याण के संदेश को प्रचारित करने के लिए इंडिया गठबंधन की पार्टियों द्वारा किए गए प्रमुख वादों के आधार पर कांग्रेस एक कॉमन मिनिमन प्रोग्राम लाने की योजना बना रही है. विपक्षी गुट 19 अप्रैल को 21 सीटों की 102 सीटों के लिए पहले चरण के मतदान के बाद जनता की प्रतिक्रिया से उत्साहित है और उसे लगता है कि बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि को उजागर करने वाला समूह का एजेंडा मतदाताओं को पसंद आ रहा है.

इस संबंध में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य जगदीश ठाकोर ने बताया कि देश भर से जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर हमने निर्णय लिया कि हमारे राष्ट्रीय अभियान के दौरान लोगों के मुद्दे फोकस में रहने चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मतदाता हमारे सामाजिक न्याय के एजेंडे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. ठाकोर ने कहा कि चूंकि अधिकांश विपक्षी दल भी समान विचार साझा करते हैं, इसलिए गठबंधन के विचारों को शामिल करते हुए एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करना एक अच्छा विचार होगा.

उन्होंने कहा कि यह मतदाताओं को संदेश देगा कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो क्या करेगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, संयुक्त घोषणापत्र में मतदाताओं के बड़े हिस्से को ध्यान में रखते हुए गरीब परिवारों को मुफ्त राशन की डोर स्टेप डिलीवरी, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, प्रति वर्ष मुफ्त छह एलपीजी सिलेंडर, पुरानी पेंशन योजना और उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं के लिए भत्ता और अध्ययन ऋण माफी जैसे बिंदु हो सकते हैं. पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी द्वारा यह कहे जाने के कुछ दिनों बाद कि पार्टी का घोषणापत्र भारत के सभी साझेदारों की विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गरीबी उन्मूलन को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में संबोधित करने के सबसे पुरानी पार्टी के वादे के बारे में बात करना शुरू कर दिया है.

बता दें कि 17 अप्रैल को राहुल और अखिलेश यादव ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि घोषणापत्र कांग्रेस पार्टी का है लेकिन यह गठबंधन की विचारधारा को दर्शाता है. हम अपने घोषणापत्र में अपने सहयोगियों द्वारा दिए गए किसी भी सुझाव को शामिल करेंगे क्योंकि हम सामूहिक रूप से काम करते हैं. हालांकि कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों में मुफ्त बिजली योजना लागू की जा रही है. वहीं राशन की डोर स्टेप डिलीवरी का विचार आम आदमी पार्टी की ओर से आया है. हाल ही में आप नेता संजय सिंह ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की और दिल्ली में संयुक्त अभियान की रूपरेखा पर चर्चा की. अपने अभियान के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान बिहार में पैदा हुई नौकरियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह 30 लाख सरकारी रिक्तियों को भरने के कांग्रेस के वादे के अनुरूप है.

इसी क्रम में मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल ने बताया कि विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे अधिकांश मुद्दे समान हैं लेकिन संयुक्त घोषणापत्र पर निर्णय लेना आलाकमान का काम है. उन्होंने कहा कि हालांकि, एक संयुक्त अभियान एक बहुत ही व्यावहारिक विचार है. पार्टी ने खजुराहो सीट सहयोगी दल सपा के लिए छोड़ दी थी लेकिन सपा नेता मीरा यादव का नामांकन खारिज होने के बाद गठबंधन ने फॉरवर्ड ब्लॉक के उम्मीदवार आरबी प्रजापति को समर्थन देने का फैसला किया. मित्तल के अनुसार, 2019 के चुनावों से पहले चरण का मतदान कम होना सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अच्छा संकेतक नहीं था. उन्होंने कहा कि यह उनके 400 सीटों के बड़े-बड़े दावों के खोखलेपन को उजागर करता है. मतदाता आजीविका के मुद्दों को लेकर चिंतित हैं और वे 2047 के बारे में बात करते रहते हैं.

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