जयपुर: राजधानी में जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर बेहद आक्रमक दिखे. वरिष्ठ पत्रकार और लेखक वीर संगवी के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने सवालों के जवाब में खुलकर बात की. अपनी बातों के दौरान शशि थरूर ने कहा कि उत्तर भारत के युवाओं की नसों में मौजूदा सरकार ने टॉक्सिन घोल दिया है.
उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी सरकार को जितने वोट मिले थे, उसके बाद 2019 में उससे ज्यादा मिले और इस बार 36 फीसदी वोट मिले, लेकिन देश की 80% हिंदू आबादी के बहुमत के करीब आज भी मोदी सरकार नहीं पहुंच सकी है. खुद को लेकर शशि थारो ने कहा कि उन्हें अपने हिंदुत्व पर गर्व है, लेकिन वह किसी और धर्म के शख्स को पीट-पीट कर जय श्री राम का नारा लगाकर अपना हिंदुत्व साबित नहीं करना चाहते हैं.
पत्नी के निधन पर मीडिया ट्रायल से आहत : शशि थरूर ने देश में मीडिया ट्रायल को लेकर भी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अपने साथ हुए कई किस्सों का जिक्र किया और बताया कि कैसे उनके पत्नी के निधन पर दुख की घड़ी में उन्हें सवालों से घेर लिया गया था. शशि थरूर ने कहा कि जब वे संयुक्त राष्ट्र में कॉफी अन्नान के साथ थे, तो उन्हें कहा गया था कि शार्क के काटने पर खून नहीं बहाया जाता, जिस बात का अर्थ उन्हें भारत के मीडिया के ट्रायल पर समझ में आ गया और अब वे खुद पर लगे आरोपों का जवाब देने से बेहतर लिखना और पढ़ना जरूरी समझते हैं.
भारत के मीडिया में खौफ : वीर सांघवी के साथ बातचीत में शशि थरूर ने बताया कि मौजूदा दौर में मीडिया सरकार पर सवाल खड़े नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि 2011 से 2013 के बीच यूपीए सरकार में लगातार भ्रष्टाचार को लेकर मीडिया आवाज उठाता रहा और तब सरकार ने किसी के घर पर ईडी या सीबीआई नहीं भेजी थी. फिलहाल, मीडिया की स्वतंत्रता देश में खतरे में है. आज के हालात के बीच सबूत होने के बावजूद कोई सरकार पर अंगुली नहीं उठा सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के घर पर 24 घंटे में जांच एजेंसी पहुंच जाती है.