नई दिल्ली : कांग्रेस जल्द ही चुनाव आयोग के खिलाफ एक दीर्घकालिक, राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी और इस योजना के तहत भविष्य के चुनावों की निगरानी के साथ-साथ पिछले चुनावों की समीक्षा भी करेगी.
इस कार्य की देखरेख वरिष्ठ नेताओं की एक विशेष टीम करेगी जिसमें दिग्विजय सिंह, अभिषेक सिंघवी, अजय माकन, पवन खेड़ा, गुरदीप सप्पल, नितिन राउत, प्रवीण चक्रवर्ती और वामशी चंद रेड्डी शामिल होंगे, जिसे नेताओं और विशेषज्ञों का सशक्त कार्य समूह (ईगल) के नाम से जाना जाएगा.
यह निर्णय लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की इस चिंता से उपजा है कि राष्ट्रीय और राज्य चुनावों में इस पुरानी पार्टी के लिए समान अवसर उपलब्ध नहीं हैं. सबसे पहले, पैनल महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर के मुद्दे को उठाएगा, जहां 2024 में विधानसभा चुनाव हुए थे. साथ ही पैनल कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे को एक रिपोर्ट सौंपेगा. यह समूह पिछले राज्य चुनावों का भी विश्लेषण करेगा तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए भविष्य के चुनावों में सक्रिय भूमिका निभाएगा.
यह कदम 5 फरवरी को होने वाले महत्वपूर्ण दिल्ली विधानसभा चुनावों से कुछ दिन पहले उठाया गया है. बिहार में चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं, जबकि केरल में चुनाव 2026 में होंगे. राहुल ने हाल ही में पटना में बिहार इकाई के साथ चुनाव तैयारियों की समीक्षा की और करीबी सहयोगी आरजेडी के साथ आगामी चुनाव पर भी चर्चा की.1 फरवरी को कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने केंद्रीय बजट में केवल बिहार पर ध्यान केंद्रित किया है और अन्य राज्यों की उपेक्षा की है.
ईगल के सदस्य वामशी रेड्डी महाराष्ट्र चुनावों के दौरान कांग्रेस वॉर रूम से जुड़े थे, जहां कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एसपी वाले विपक्षी गठबंधन एमवीए ने सत्तारूढ़ महायुति पर ईवीएम में बड़े पैमाने पर ‘छेड़छाड़’ करके लोगों के जनादेश को ‘चुराने’ का आरोप लगाया था.
एमवीए, जिसे 288 में से 150 से ज़्यादा सीटें जीतने का भरोसा था, सिर्फ 56 सीटों पर सिमट गई जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी-एनसीपी-शिवसेना महायुति ने 230 सीटें जीतीं. चुनाव में हार के बाद, हैरान कांग्रेस ने नतीजों को नकार दिया और घोषणा की कि वह ईवीएम के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेगी.