मतगणना में कांग्रेस उम्मीदवारों को अनियमितताओं का संदेह, पार्टी प्रदान करेगी कानूनी सहायता - Lok Sabha Results 2024
लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग पर मतगणना के दौरान अनियमितताओं का आरोप लगाने की योजना बना रही है. इसके लिए पार्टी अपने उन उम्मीदवारों को कानूनी सहायता प्रदान करने वाली है, जिन्हें अपनी लोकसभा में कथित अनियमितताओं का संदेह है.
कांग्रेस पार्टी को मतगणना पर संदेह (फोटो - ANI Photo)
नई दिल्ली: कांग्रेस अपने उन उम्मीदवारों को कानूनी सहायता देने की योजना बना रही है, जिन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान अपने-अपने सीटों पर मतदान या मतगणना प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं पर संदेह है. लोकसभा चुनाव के दौरान एआईसीसी वॉर रूम का प्रबंधन करने वाले शशिकांत सेंथिल ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्रीय वॉर रूम को मतदान और मतगणना प्रक्रिया में अनियमितताओं से संबंधित 100 से अधिक शिकायतें मिलीं.
उन्होंने कहा कि '38 राज्य वॉर रूम को अपने स्तर पर ऐसी ही शिकायतें मिलीं. हमने शिकायतों की सूची चुनाव आयोग को सौंप दी है. हम उन सभी लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता हो सकती है.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, ऐसे सभी मामलों में कानूनी सहारा चुनाव याचिका के माध्यम से लिया जा सकता है, जिसे संबंधित उम्मीदवारों द्वारा परिणामों की घोषणा के 45 दिनों के भीतर संबंधित उच्च न्यायालयों में प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि 'हमारे कई उम्मीदवारों ने चुनाव में अनियमितताओं को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है. इस चुनाव में विपक्ष इस मुद्दे पर बहुत सतर्क था और जनता भी. लेकिन इस तरह का जागरूकता अभियान चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, विपक्षी दलों की नहीं.'
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी में रामनाथ सिकरवार, बांसगांव में सदल प्रसाद और राजस्थान के जयपुर ग्रामीण में अनिल चोपड़ा सहित कई सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने या तो मतदान प्रक्रिया या मतगणना पर अपना असंतोष व्यक्त किया.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि 'कई मामलों में मतदान प्रक्रिया धीमी थी, जिससे मतदान केंद्रों पर बहुत गर्मी में कतार में खड़े मतदाताओं को परेशानी हुई. हालांकि यह कोई अनियमितता नहीं है, लेकिन हमने चुनाव आयोग को इस बारे में बताया है. इसके अलावा अनियमितताएं मतदाताओं द्वारा वोट न डाल पाने, वोटों की गिनती और डाक मतपत्रों की गिनती से संबंधित हैं.'
4 जून को मतगणना से पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि पहले सभी डाक मतपत्रों की गिनती की जाए और उसके बाद ही ईवीएम के जरिए डाले गए मतों की गिनती शुरू की जाए, लेकिन चुनाव आयोग ने एक शर्त के साथ इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. चुनाव आयोग ने कहा कि पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, लेकिन आधे घंटे के बाद डाक और ईवीएम दोनों मतों की गिनती एक साथ की जाएगी.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, भाजपा के राव राजेंद्र सिंह ने जयपुर ग्रामीण सीट पर मात्र 1,615 वोटों से जीत दर्ज की और कांग्रेस उम्मीदवार अनिल चोपड़ा ने रिटर्निंग ऑफिसर से पुनर्मतगणना का आदेश देने का आग्रह किया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद चोपड़ा मतगणना केंद्र से बाहर आए और बाहर प्रदर्शन कर रहे अपने समर्थकों से शांत रहने का आग्रह किया.
बांसगांव में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जहां कांग्रेस प्रत्याशी सदल प्रसाद ने पुलिस अधिकारियों से मतगणना से जुड़ी अपनी चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया. प्रसाद भाजपा के कमलेश पासवान से 3,150 मतों से हार गए.
फतेहपुर सीकरी में कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार ने आगरा कलेक्टर से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार वीवीपैट की गिनती का आदेश देने का आग्रह किया है, क्योंकि पहले मतों की पुनर्गणना की उनकी याचिका स्वीकार नहीं की गई थी. एआइसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि 'केवल हम ही नहीं, सपा के कुछ उम्मीदवार भी अपनी सीटों पर मतों की गिनती से नाखुश हैं. वे अलग से इसका सहारा लेंगे.'