नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कांग्रेस ने वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनाई है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन के भीतर चल रही अंदरूनी कलह और राकांपा अजित पवार गुट के कई विधायकों के पार्टी छोड़ने की योजना बनाने की खबरों पर कांग्रेस ने यह रणनीति अपनाई है.
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर अंदरूनी कलह चल रही है, जिसमें शिवसेना शिंदे और राकांपा अजित पवार गुट दोनों ही कुल 288 में से 80-100 सीटों की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इससे भाजपा को मुश्किल हो रही है और आगामी राज्य चुनावों के लिए भगवा पार्टी की योजनाओं पर असर पड़ रहा है.
वहीं, राकांपा-अजित पवार गुट के नेता और शरद पवार के पोते रोहित पवार ने अपने एक दावे से भाजपा की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. रोहित पवार ने हाल ही में दावा किया कि राकांपा अजित पवार गुट के कुल 41 विधायकों में से करीब 18-19 विधायक पाला बदलना चाहते हैं और उनके संपर्क में हैं.
इधर, भाजपा को इस दावे को लेकर चिंता सता रही है कि यदि ऐसा हुआ तो एनसीपी अजित पवार गुट निश्चित रूप से कमजोर हो जाएगा.वहीं, एमवीए के लिए मुद्दा यह है कि क्या शरद पवार को उन विधायकों को वापस लेना चाहिए, जिन्होंने पिछले साल सत्ता का आनंद लेने के लिए उन्हें छोड़ दिया था. महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव आशीष दुआ ने ईटीवी भारत से कहा कि यह इंतजार करने और देखने का समय है. देखते हैं कि सत्तारूढ़ गठबंधन में क्या होता है.
एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी-एनसीपीएसपी सहित विपक्षी गठबंधन एमवीए मजबूत स्थिति में है और उसने आगामी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. दुआ ने कहा कि एमवीए गठबंधन के सहयोगियों ने विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है. हमें चुनाव जीतने का पूरा भरोसा है.