नई दिल्ली :कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भाजपा से मुकाबला करेगा. जम्मू-कश्मीर के प्रभारी एआईसीसी महासचिव भरतसिंह सोलंकी ने ईटीवी भारत को बताया, 'अनुच्छेद 370 को हटाने और पूर्ववर्ती राज्य से दो केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद से भाजपा के दावों के बावजूद कि सीमावर्ती राज्य में स्थिति बेहतर हो गई है, पिछले पांच वर्षों में कोई चुनाव नहीं हुआ है. I.N.D.I.A गठबंधन क्षेत्रीय लोगों की पहचान, सुरक्षा, नौकरियों जैसे मुद्दों पर काम करेगा.'
उन्होंने कहा कि 'वहां पहले से ही संयुक्त प्रचार चल रहा है और गठबंधन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की सभी छह सीटों पर जीत हासिल करेगा. कांग्रेस और एनसी ने अतीत में गठबंधन सरकार बनाई है, जिसने लोगों के लिए काम किया है, जबकि भाजपा-पीडीपी सरकार एक असफल प्रयोग साबित हुई है.'
एआईसीसी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पुराने सहयोगी एनसी के साथ लोकसभा सीट-बंटवारा समझौते को अंतिम रूप दिया गया है, लेकिन अन्य प्रमुख क्षेत्रीय खिलाड़ी पीडीपी भी I.N.D.I.A ब्लॉक का हिस्सा बनी रहेगी.
एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 'दोनों क्षेत्रीय पार्टियों के बीच कश्मीर घाटी में वर्चस्व को लेकर विवाद था. पीडीपी भले ही चुनाव नहीं लड़ रही हो लेकिन पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती हमारे साथ रहेंगी. उन्होंने हाल ही में दिल्ली में एक भारतीय रैली को संबोधित किया था.'
पीडीपी घोषित कर चुकी है तीन नाम :पीडीपी ने कश्मीर घाटी में तीन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, जिनमें श्रीनगर से वहीद पारा, बारामूला से मीर फयाज और अनंतनाग-राजौरी से महबूबा मुफ्ती शामिल हैं. पीडीपी जम्मू क्षेत्र की दो सीटों, उधमपुर और जम्मू पर कांग्रेस का समर्थन करेगी.
पिछले 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में कांग्रेस और एनसी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. कांग्रेस एक सीट नहीं जीत सकी लेकिन एनसी ने तीन सीटें जीतीं. भाजपा ने जम्मू क्षेत्र की दो और लद्दाख सहित तीन सीटें भी जीतीं.