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छात्र नेता के चुनाव को लेकर एक प्राइवेट स्कूल में सांप्रदायिक झड़प, पुलिस ने आरोपी छात्रों को जमानत पर छोड़ा - Communal Clash between students - COMMUNAL CLASH BETWEEN STUDENTS

Communal Clash between school Students: तिरुनेलवेली जिले के वल्लियूर में एक प्राइवेट स्कूल में छात्र नेता के चुनाव को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि, कुछ छात्रों ने मिलकर एक छात्र पर हमला कर दिया. पीड़ित छात्र को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है. घटना कुछ दिन पहले की है.

Communal Clash between school Student
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 9:31 PM IST

तिरुनेलवेली: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले के वल्लियूर में एक फेमस प्राइवेट स्कूल में छात्र नेता के चुनाव को लेकर विवाद हो गया. खबर के मुताबिक, यह विवाद 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के बीच हुआ है. इस स्कूल में 15,00 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक, अलग-अलग समुदाय के कुल 7 छात्रों ने एक विशेष समुदाय के छात्र पर हमला कर दिया था, जिसको लेकर विवाद काफी बढ़ गया.

छात्र नेता चुनाव को लेकर छात्रों में विवाद
खबर के मुताबिक, हमले में छात्र को गंभीर चोटें आई हैं. पीड़ित छात्र को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. खबर के मुताबिक, स्कूल प्रबंधन ने छात्रों के बीच हुए संघर्ष की सूचना पुलिस को नहीं दी थी. जब छात्र घायल अवस्था में घर पहुंचा तो उसके परिजनों ने उसे राधापुरम सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया. वहीं, घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने आरोपी सात छात्रों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने छात्रों को कोर्ट में पेश किया, बाद में जमानत पर रिहा किया
पुलिस ने आरोपी छात्रों को गिरफ्तार कर तिरुनेलवेली चिल्ड्रन्स रिफार्म स्कूल के किशोर कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में जज ने उन्हें छात्रों को सुधारने के प्रयास करने की सलाह दी. हालांकि, पुलिस ने छात्र हित में उन्हें उनकी ही जमानत पर रिहा कर दिया.

आम जनता को बड़ा झटका
तिरुनेलवेली जिले में, जिला प्रशासन द्वारा पिछले साल 'अनपाडुम मूनिल' परियोजना शुरू की गई थी. इस परियोजना का उद्देश्य तिरुनेलवेली में छात्रों के बीच संघर्ष और जाति के आधार पर व्यवहार करने से उन्हें रोकना है. इस कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को छात्रों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए प्रशिक्षित किया गया. हालांकि, जिन स्कूलों में जातीय संघर्ष होते हैं, वहां अब तक इस तरह के संघर्षों को रोका नहीं जा सका है. अकेले वल्लियूर में ही पिछले एक साल में पांच स्कूलों में जातीय संघर्ष की ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. इससे आम जनता को बड़ा झटका लगा है.

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