रांची: झारखंड सरकार ने 1 लाख 76 हजार 977 किसानों का कृषि ऋण माफ कर दिया. 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ करने के वादे को पूरा करते हुए आज कृषि विभाग की ओर से रांची के प्रभात तारा मैदान में कृषि ऋण माफी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 लाख 76 हजार 977 किसानों का 400.66 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया. अपने चुनावी घोषणा पत्र को पूरा करने की दिशा में झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने अपना एक अहम वादा पूरा किया है.
दुग्ध उत्पादकों को दी गई अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि
रांची में आयोजित इस कृषि ऋण माफी कार्यक्रम में राज्य में डेयरी के विकास के लिए एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए, वहीं दुग्ध उत्पादक पशुपालकों को 5 रुपये प्रति लीटर की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी वितरित की गई. आज के कार्यक्रम में राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, कृषि एवं पशुपालन मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक राजेश कच्छप समेत कई जिलों से रांची आए किसान मौजूद रहे.
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान महागठबंधन सरकार ने जितना काम किया है, उसे देखकर ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम दोबारा सत्ता में न आएं. हमें जनता का आशीर्वाद फिर मिलेगा और हम सत्ता में लौटेंगे.
ये किसानों का सम्मान महाजुटान है
वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में 80 प्रतिशत लोग खेती-किसानी से जुड़े हैं. किसानों की यह ऋण माफी महाजुटान नहीं बल्कि किसानों का सम्मान महाजुटान है. उन्होंने कहा कि किसानों का बैंक खेत है और खलिहान उनका एटीएम कार्ड है. देश में ऐसे लोग भी हैं, जिनके पास न खेत है और न ही खलिहान. वहीं चंद लोगों के पास इतना पैसा है कि देश के 125 करोड़ लोग गिनने बैठ जाएं तो भी नहीं गिन पाएंगे. लेकिन केंद्र सरकार के पास इस देश की आधी आबादी को देने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन पूंजीपति मित्रों को देने के लिए सब कुछ है.
सीएम हेमंत ने कहा कि यह भी सच है कि किसान की ताकत के आगे सरकार को झुकना पड़ा और तीनों काले कानून वापस लेने पड़े. केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की पूरी संपत्ति बेच दी गई है. मुझे 02 वर्षों तक परेशान किया गया. हमारे ऊपर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए गए और हमें बिना किसी कारण के 05 महीने तक जेल में रखा गया.