नई दिल्ली:दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा से यमुना नदी में अमोनिया युक्त जहरीला पानी छोड़कर दिल्ली की पेयजल आपूर्ति को बाधित करने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने इसे आगामी विधानसभा चुनाव में हार के डर से बीजेपी की घटिया राजनीति करार दिया है. इस मामले में आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
बीजेपी पर साजिश करने का आरोप लगाया:मुख्यमंत्री आतिशी और केजरीवाल ने कहा था कि हरियाणा की बीजेपी सरकार जानबूझकर यमुना में प्रदूषित पानी छोड़ रही है. इसका सीधा असर दिल्ली के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स पर पड़ा है. पानी का ट्रीटमेंट रुकने की वजह से दिल्ली के लाखों लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. यह एक साजिश है ताकि चुनाव में आम आदमी पार्टी को बदनाम किया जा सके.
''लोगों को प्यासा मारने से बड़ा पाप नहीं होता. अपनी गंदी राजनीति के लिए बीजेपी दिल्ली वालों को प्यासा मारना चाहती है. हरियाणा से बीजेपी वाले पानी में ज़हर मिलाकर दिल्ली भेज रहे हैं. अगर ये पानी दिल्ली वालों ने पी लिया तो कई लोग मर जाएँगे. क्या इस से घिनौना काम कोई हो सकता है? जो ज़हर पानी में मिलाकर भेजा जा रहा है, वो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ़ भी नहीं हो सकता. दिल्ली के लोगों की सुरक्षा के लिए कई इलाक़ों में पानी बंद करना पड़ रहा है. हमारी कोशिश है कि लोगों को कम से कम तकलीफ़ हो. बीजेपी वाले दिल्ली वालों का mass murder करना चाहते हैं. हम ये बिल्कुल नहीं होने देंगे.''- अरविंद केजरीवाल
केजरीवाल के आरोप को दिल्ली जल बोर्ड ने बताया गलत:अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने आज यमुना के पानी में जहर मिलने संबंधी जो आरोप लगाए हैं, उसको दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने गलत करार दिया है. केजरीवाल ने तो कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने जहर मिलाते हुए पकड़ लिया, मगर जल बोर्ड के ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने इसका खंडन किया है और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार को अपनी रिपोर्ट भेजी.
दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा कि आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के बयान में कहा गया है कि हरियाणा ने यमुना के माध्यम से दिल्ली पहुंचने वाले कच्चे पानी में जहर छोड़ दिया है, यह तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है. इस तरह के झूठे बयानों से दिल्ली के लोगों में भय व्याप्त होता है. दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ ने मुख्य सचिव से इस मामले को एलजी के ध्यान में लाने के लिए कहा है. क्योंकि यह अंतरराज्यीय संबंधों को प्रभावित करता है. देर शाम मुख्य सचिव ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ का नोट उपराज्यपाल को भेज दिया है.