नई दिल्ली:दिल्ली शराब नीति घोटाला में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को PMLA कोर्ट ने छह दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया. यानी इस बार अरविंद केजरीवाल की होली जेल में ही मनेगी. खबर है कि गिरफ्तार अन्य 16 आरोपियों से केजरीवाल का आमना सामना कराया जाएगा. इस दौरान तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के कविता से भी उनका सामना कराया जाएगा. वहीं, कोर्ट से पेशी के बाद लौटते वक्त केजरीवाल ने कहा कि जेल से ही सरकार चलाऊंगा. मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. अब 28 मार्च को फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट में दोपहर दो बजे केजरीवाल की पेशी होगी. वहीं गिरफ्तार अन्य 16 आरोपियों से भी उनका आमना सामना कराया जाएगा. इस दौरान के. कविता से भी केजरीवाल का सामना होगा.
इससे पहले सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि विजय नायर, सीएम केजरीवाल के पास एक घर में रह रहे थे. वह दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को दिए गए घर में रह रहे थे. उन्होंने ही साउथ ग्रुप और 'आप' के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई. अरविंद केजरीवाल ने साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की, इस बात की पुष्टि बयानों से होती है.
पेश की 28 पन्ने की दलील: ईडी ने कोर्ट को बताया कि अरविंद केजरीवाल ने के. कविता से मुलाकात की थी. केजरीवाल ने खास लोगों का पक्ष लिया था. शराब घोटाले में अभी तक नामजद 15 लोगों की भूमिका के बारे में ईडी के वकील ने कोर्ट में बताया. इसमें विजय नायर, राघव मंगूटा, अमित अरोड़ा का नाम बार-बार लिया गया. यह भी कहा गया कि पार्टी के पीछे अरविंद केजरीवाल का दिमाग है और वे ही इसकी प्रमुख गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं. ईडी ने 28 पन्ने की दलील पेश की. साथ ही कोर्ट में कहा कि अरविंद केजरीवाल ने तलाशी के दौरान सहयोग नहीं किया.
गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं: एएसजी एसवी राजू की दलीलें पूरी होने के बाद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें देनी शुरू की. उन्होंने कहा कि रिमांड चरण में आपका आधिपत्य क्या है. यह स्वचालित नहीं है. इसे पीएमएलए के अनुभागों को संतुष्ट करना होगा. गिरफ्तारी के लिए परीक्षण अधिक कठोर है, क्योंकि जमानत के लिए आधार अधिक कठोर हैं. मनु सिंघवी ने कहा, सबसे पहली चीज जो दिखाई जानी चाहिए वो है गिरफ़्तारी की जरूरत. गिरफ़्तारी की शक्ति गिरफ़्तारी की आवश्यकता के बराबर नहीं है. सिर्फ इसलिए कि आपके पास गिरफ्तार करने की शक्ति है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप गिरफ्तार कर लेंगे. गिरफ्तारी का आधार क्या है? क्या एक ही आधार है ये तीन चार नाम लिए गए?
वोट पड़ने के पहले आते हैं नतीजे: सिंघवी ने पंकज बंसल फैसले का हवाला दिया. इसके बाद उन्होंने कहा कि, अब नया पैटर्न है. आपके पास एक गवाह है, उसने कथन एक या कथन दो में केजरीवाल का नाम नहीं लिया है. फिर आप उसे गिरफ्तार करें और उसकी जमानत का पुरजोर विरोध करें. फिर वह सरकारी गवाह बन जाता है. एक दिन वह एक शानदार बयान देता है. यह पहली बार है कि एक मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है. उनके चार वरिष्ठ नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया है. इसका मतलब है कि पहला वोट पड़ने से पहले ही नतीजे आ जाते हैं.