नई दिल्लीःदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तिहाड़ के जेल नंबर दो में पहली रात बेचैनी में कटी. रात भर वो करवट बदलते रहे. तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, उन्हें ठीक से नींद नहीं आई, हालांकि जेल पहुंचने के बाद रात में कुछ देर उन्होंने टीवी पर समाचार देखा. इसके बाद वो सोने चले गए. उनकी सेल में और सेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जहां सेल के अंदर सीसीटीवी की निगरानी है. वहीं, सेल के बाहर चार पुलिसकर्मी 24 घंटे पहरा दे रहे हैं.
एक आइसोलेशन रूम देते हुए तीन किताबें रखने के लिए एक टेबल और एक कुर्सी दी गई है. डायबिटीज को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल को शुगर सेंसर, ग्लूकोमीटर, ग्लूकोज और अचानक शुगर कम होने पर जेल सुप्रिटेंडेंट को टॉफी देने को कहा गया है. दोपहर के भोजन के बाद, उन्हें दोपहर 12 बजे अपने सेल में वापस जाना होगा और दोपहर 3 बजे तक वहीं रहना होगा.
ऐसे कटी रात
- केजरीवाल को डायबिटीज है, इसलिए उन्हें घर का बना खाना दिया गया.
- केजरीवाल ने शुगर कंट्रोल करने की दवा ली.
- कुछ देर के लिए टीवी पर समाचार देखा.
- खुद के बिस्तर पर सोए, ये जेल के बिस्तर से अलग था.
- सुबह जल्दी उठ गए. 6.40 पर उन्हें नाश्ता दिया गया.
14 फीट लंबा है सेल
अरविंद केजरीवाल जिस सेल में हैं वो महज 14 फीट लंबा और 8 फीट चौड़ा है. इसमें एक टॉयलेट भी है. सेल में सीमेंट का एक प्लेटफॉर्म भी बना हुआ है, जिस पर बिछाने के लिए एक चादर दिया गया है, हालांकि केजरीवाल को ओढ़ने के लिए एक कंबल और एक तकिया भी दिया गया है लेकिन कोर्ट में उन्होंने अपने घर का चादर रजाई दो टकिया की मांग की थी जिसे उपलब्ध कराया गया है. उनके सेल में टीवी भी है.
साथियों से दूर हैं केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल जहां जेल नंबर दो में बंद हैं. वहीं, उनके साथी मनीष सिसोदिया जेल नंबर एक में, सत्येंद्र जैन जेल नंबर सात में, संजय सिंह जेल नंबर 5 में, के कविता जेल नंबर 6 में बंद हैं जबकि शराब घोटाले में अहम गवाह रहे विजय नायर जेल नंबर चार में बंद हैं. जेल नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति 10 लोगों से मिलने के लिए नाम दे सकता है लेकिन अरविंद केजरीवाल ने 6 लोगों का ही नाम दिया है, जिसमें उनकी पत्नी बेटा बेटी उनके निजी सचिव आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक और एक और मित्र का नाम शामिल है. बता दें कि केजरीवाल तिहाड़ जेल पहली बार नहीं आए हैं. इससे पहले वो अन्ना आंदोलन के समय 2012 में भी तिहाड़ जेल में रह चुके हैं. नितिन गडकरी मानहानि मामले में 2014 में भी यहां आ चुके हैं.
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