नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान किया है. उन्होंने आप के नए कार्यालय से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक बरी नहीं हो जाता सीएम पद पर नहीं बैठूंगा. दो से तीन दिन में नए नाम का ऐलान किया जाएगा. जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली सीएम का ये पहला संबोधन है.
केजरीवाल का जेल में कैसे बीता समय, ये तीन बातें कहीं
- केजरीवाल मंच पर भगत सिंह की जेल में लिखी किताब "भगत सिंह की जेल डायरी" लेकर पहुंचे. कहा कि भगत सिंह के खत अंग्रेज बाहर ले जाते थे. मैं जेल में था, मेरी चिट्ठी एलजी तक नहीं पहुंचाई गई. मुझे धमकाया गया कि दोबारा ऐसा ना करूं.
- केजरीवाल ने कहा कि भगत सिंह के बाद, 90-95 साल बाद आजाद भारत में एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया. 15 अगस्त से 3 दिन पहले एलजी से कहा था कि मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने दिया जाए. चिट्ठी एलजी तक नहीं गई.
- दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब 14 साल के बाद भगवान राम वनवास से लौटे तो माता सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी. आज मैं अग्निपरीक्षा दूंगा.
मंच पर आते ही यह बोले केजरीवाल
- मैं भगवान का हनुमान जी का धन्यवाद करता हूं क्योंकि उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ रहता है, जिन लोगों ने हमारे लिए मन्नतें मांगी, मैं उन सभी का शुक्रिया करता हूं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जेल में सोने और पढ़ने का काफी समय मिला मैंने कई किताबें पढ़ी.
- जेल से एलजी को एकमात्र पत्र लिखने पर मुझे धमकी दी गई - केजरीवाल
- जेल में मैंने गीता पढ़ी रामायण पढ़ी, मैंने भगत सिंह की जेल डायरी भी पढ़ी. आज से 90 से 95 साल पहले भगत सिंह जेल में थे तब उन्होंने जेल से अपने साथियों और देश के युवाओं को कई पत्र लिखे थे. भगत सिंह की शहादत के बाद एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री जेल गया था.
- मैंने दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा था कि मैं जेल में हूं मेरी जगह आतिशी को तिरंगा फहराने की इजाजत दी जाए लेकिन यह चिट्ठी जेल प्रशासन द्वारा नहीं पहुंचाई गई. मुझे चेतावनी दी गई थी कि अगर दोबारा उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी तो घरवालों से मुलाकात बंद करा दी जाएगी.
सरकार पर केजरीवाल का निशाना
- केजरीवाल ने कहा कि देश में तानाशाह सरकार है. 95 साल बाद मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल लेकिन दोनों लोगों को अलग रखा गया. लेकिन मिलने की इजाजत नहीं थी.
- आज से 95 साल पहले भगत सिंह जब फांसी पर चढ़े तो उन्होंने नहीं सोचा होगा कि एक दिन इतनी क्रूर सरकार आएगी. भाजपा ने आम आदमी पार्टी को तोड़ने के लिए पूरी साजिश रची. इनको लग रहा था कि अरविंद केजरीवाल को जेल भेज देंगे तो दिल्ली में अपनी सरकार बना लेंगे. लेकिन हमारी पार्टी नहीं टूटी हमारे एमएलए और कार्यकर्ता नहीं टूटे, जबकि इन्होंने बड़ी-बड़ी साजिशें कर ली.
- 150 से 200 दिन तक जेल में रहा. इससे मेरे हौसले और बुलंद हो गए. यह लोग कहते थे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया. मैं जनतंत्र को बचाना चाहता था, इसलिए इस्तीफा नहीं दिया.
- जहां पर भाजपा की सरकार नहीं है वहां के मुख्यमंत्री पर यह लोग फर्जी केस दायर करते हैं. मैं साबित किया की जेल के अंदर से भी सरकार चलती है. मैंने सभी मुख्यमंत्री से कहता हूं कि यदि प्रधानमंत्री आपके ऊपर फर्जी मुकदमा करें तो इस्तीफा मत देना. जेल से सरकार चलाना. क्योंकि जनतंत्र को बचाना है. आज उनकी हर साजिश का सामना करने के लिए आम आदमी पार्टी तैयार है क्योंकि आम आदमी पार्टी ईमानदार है.
जब लगे कि मैं ईमानदार हूं, तभी वोट देनाः केजरीवाल
- कोर्ट ने कहा कि जब तक केस चलेगा मुख्यमंत्री कर कुर्सी पर नहीं बैठेंगे. मैं दिल्ली की जनता और देश की जनता से पूछना चाहता हूं कि क्या मैं ईमानदार हूं कि नहीं. मैं 2 दिन बाद सीएम की कुर्सी से इस्तीफा देने जा रहा हूं.
- जनता जब तक फैसला नहीं सुना देती तब तक मैं कुर्सी पर नहीं बैठूंगा. आज से कुछ महीने बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं. अगर आपको लगता है कि केजरीवाल ईमानदार है तो मुझे वोट दे देना. अगर आप को लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार नहीं है तो मुझे वोट मत देना. आप लोगों का एक-एक कोर्ट मेरी ईमानदारी का सर्टिफिकेट होगा. यदि आप लोग मुझे वोट देकर विजय बनाते हैं तो मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा.
- फरवरी में चुनाव होने हैं, लेकिन मैं इस मंच से मांग करता हूं कि नवंबर में चुनाव कराए जाएं. अगले दो दिन में मैं इस्तीफा दूंगा. इसके बाद कोई और मुख्यमंत्री बनेगा. इसके लिए विधायकों की कैबिनेट बैठक होगी. वर्ष 2020 में मैं काम के नाम पर वोट मांगा था, लेकिन आज मैं अपनी ईमानदारी के नाम पर वोट मांग रहा हूं.