चंडीगढ़: केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू बुधवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के चंडीगढ़ स्थित कार्यालय का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान जब उन्हें पुलिसकर्मियों ने रोका तो उनके बीच तीखी बहस हो गई. बिट्टू पार्टी कार्यकर्ताओं पर दर्ज मामलों को लेकर सीएम कार्यालय का घेराव करने पहुंचे थे.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे रवनीत सिंह बिट्टू के सिक्योरिटी गार्ड और चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों के बीच बहस हो गई. चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने अनुमति न होने का हवाला देते हुए बिट्टू के काफिले को रोक दिया. इसी बीच उनकी सुरक्षाकर्मियों और चंडीगढ़ पुलिस अधिकारियों के बीच विवाद बढ़ गया.
इस दौरान बिट्टू ने कहा कि जब से भारतीय जनता पार्टी (BJP) कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज हुआ है, तब से वे मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं, लेकिन समय न मिलने के कारण वे आज सीधे मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास पर पहुंचे.
'गृह विभाग से शिकायत करूंगा'
केंद्रीय राज्य मंत्री ने आगे कहा कि अधिकारियों ने पायलट वाहन के चालक को जबरन वाहन से उतार दिया. इसके बाद जब वह गाड़ी से उतरे तो पुलिस अधिकारी उनके सुरक्षाकर्मियों से उलझ गए. बिट्टू ने कहा कि मैं यहां अकेले आया हूं तो उन्होंने मुझे गाली दी. इस पर उन्होंने कहा अगर तुम मुझे रोकना चाहते हो, तो रोको. मैं गृह विभाग से शिकायत करूंगा.
सड़क जाम करने पर विवाद
इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है. इसमें अधिकारी कह रहे हैं कि आपने सड़क जाम कर दी है. इसके बाद अधिकारियों और ड्राइवर के बीच झड़प हो गई. पायलट गाड़ी के ड्राइवर ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि गृह मंत्रालय ने उन्हें (बिट्टू) सुरक्षा दी है. हम उन्हें अकेला कैसे छोड़ सकते हैं? अगर उन्हें कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा? हमें गृह मंत्रालय ने भेजा है. हम ड्यूटी कर रहे हैं. इस पर अधिकारी कहते हैं कि आप अपना कर्तव्य निभाएं और हमें अपना कर्तव्य करने दें. आप इस तरह रास्ता नहीं रोक सकते.
रवनीत सिंह बिट्टू ने दर्ज करवाई शिकायत
मामले में केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी के पास शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि चंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने उनके चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर दुर्व्यवहार किया. उन्होंने शिकायत पत्र में कहा गया है, "...उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया, मौखिक और शारीरिक दुर्व्यवहार किया. डिप्टी एसपी उदय पाल सिंह के नेतृत्व में 2 सहायक पुलिस उपनिरीक्षक और 3 कांस्टेबलों की टीम ने मौखिक और शारीरिक रूप से मेरे साथ दुर्व्यवहार किया... इसके बाद मैं जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठा, लेकिन डिप्टी एसपी उदय पाल और उनकी टीम ने अपनी कारों से मेरा रास्ता रोककर मेरे काफिले को रोक दिया."
उन्होंने आगे कहा कि चंडीगढ़ पुलिस की इस संदिग्ध कार्रवाई से मेरी सुरक्षा को सतर्क कर दिया गया. चंडीगढ़ पुलिस की टीम ने मेरे सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाथापाई की. इसके पीछे उनकी मंशा बहुत ही संदिग्ध और खतरनाक है. मैं मांग करता हूं कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए.
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