कोलकाता/ ढाका:बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की चौंकाने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं. हाल ही में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में चटगांव से गिरफ्तार किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगले महीने के लिए टाल दी, क्योंकि उनकी ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले अदालत में चिन्मय दास की पेश के दौरान उनके वकील रेगन आचार्य पर हमला किया गया था. सोशल मीडिया एक्स पर वकील पर हमले से संबंधित एक कथित वीडियो पोस्ट कर दावा किया गया, "जिस दिन चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया, उस दिन वकील रेगन आचार्य उनके साथ थे. सुनवाई के बाद उनके चैंबर में तोड़फोड़ की गई और उन पर बेरहमी से हमला किया गया."
पोस्ट में आगे कहा गया कि इस वीडियो में उनके चैंबर के साइनबोर्ड पर उनका नाम बंगाली में दिखाई दे रहा है. जब उन्हें निशाना बनाया जा रहा है तो कोई भी वकील चिन्मय कृष्ण दास के लिए कैसे पैरवी कर सकता है?
इस्कॉन कोलकाता का वकीलों को सुरक्षा देने का आग्रह
इस बीच, कोलकाता स्थित इस्कॉन ने बांग्लादेश सरकार से चिन्मय दास के वकील पर हुए हमले के बाद उनकी पैरवी करने के इच्छुक वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास की पैरवी कर रहे रामेन रॉय पर बांग्लादेश में उनके घर पर इस्लामवादियों के एक समूह ने हमला किया. राधारमण ने हिंदू भिक्षु के लिए किसी वकील के बचाव पक्ष के रूप में पेश नहीं होने पर बांग्लादेश सरकार की आलोचना की और कहा कि यह बुनियादी मानवाधिकारों के आधार के खिलाफ है.