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बांग्लादेश हिंसा: गिरफ्तार चिन्मय दास को पैरवी के लिए नहीं मिला वकील, जमानत पर सुनवाई टली

हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को चटगांव से गिरफ्तार किया गया था. डर के कारण पैरवी के लिए कोई वकील सामने नहीं आ रहा है.

CHINMOY DAS ARREST CASE ISKCON KOLKATA URGES BANGLADESH TO ENSURE SAFETY OF LAWYERS AFTER ATTACKS
बांग्लादेश हिंसा: गिरफ्तार चिन्मय दास को पैरवी के लिए नहीं मिला वकील, जमानत पर सुनवाई टली (AFP)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 3, 2024, 10:19 PM IST

कोलकाता/ ढाका:बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की चौंकाने वाली घटनाएं सामने आ रही हैं. हाल ही में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में चटगांव से गिरफ्तार किया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगले महीने के लिए टाल दी, क्योंकि उनकी ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ.

रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले अदालत में चिन्मय दास की पेश के दौरान उनके वकील रेगन आचार्य पर हमला किया गया था. सोशल मीडिया एक्स पर वकील पर हमले से संबंधित एक कथित वीडियो पोस्ट कर दावा किया गया, "जिस दिन चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया, उस दिन वकील रेगन आचार्य उनके साथ थे. सुनवाई के बाद उनके चैंबर में तोड़फोड़ की गई और उन पर बेरहमी से हमला किया गया."

पोस्ट में आगे कहा गया कि इस वीडियो में उनके चैंबर के साइनबोर्ड पर उनका नाम बंगाली में दिखाई दे रहा है. जब उन्हें निशाना बनाया जा रहा है तो कोई भी वकील चिन्मय कृष्ण दास के लिए कैसे पैरवी कर सकता है?

इस्कॉन कोलकाता का वकीलों को सुरक्षा देने का आग्रह
इस बीच, कोलकाता स्थित इस्कॉन ने बांग्लादेश सरकार से चिन्मय दास के वकील पर हुए हमले के बाद उनकी पैरवी करने के इच्छुक वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास की पैरवी कर रहे रामेन रॉय पर बांग्लादेश में उनके घर पर इस्लामवादियों के एक समूह ने हमला किया. राधारमण ने हिंदू भिक्षु के लिए किसी वकील के बचाव पक्ष के रूप में पेश नहीं होने पर बांग्लादेश सरकार की आलोचना की और कहा कि यह बुनियादी मानवाधिकारों के आधार के खिलाफ है.

राधारमण ने कहा कि यह निराशाजनक है कि बचाव पक्ष की तरफ से कोई वकील नहीं था. क्या यही न्याय है? क्या इस तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय मिल सकता है? उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से इस मामले पर उचित कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं.

राधारमण दास ने बताया कि रॉय पर हमले के बाद चिन्मय कृष्ण दास की पैरवी करने के लिए कोई अन्य वकील हमले के डर के कारण आगे नहीं आया है. उन्होंने कहा, "अभी तक कोई नया वकील उनके केस को लड़ने के लिए आगे नहीं आया है. जो लोग चाहते हैं, उन्हें डर है कि उन्हें रॉय जैसा ही परिणाम भुगतना पड़ सकता है. हम बांग्लादेश सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह ऐसे वकील मुहैया कराए जो पर्याप्त सुरक्षा और संरक्षा के साथ केस लड़ने के लिए तैयार हों."

उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के लक्षित हमलों से सख्ती से निपटा जाए. स्थिति बेहद चिंताजनक है और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए न्याय का समर्थन करने वालों के सामने आने वाले शत्रुतापूर्ण माहौल को उजागर करती है."

आईसीयू में हैं रॉय
राधारमण दास में एक अन्य पोस्ट में दावा किया कि पहले दिन दास का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अन्य वकील रेगन आचार्य पर भी हमला किया गया है. उन्होंने कहा कि रॉय की एकमात्र गलती अदालत में चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करना था, लेकिन चरमपंथियों के एक समूह ने उनके घर में तोड़फोड़ की. उन्होंने दावा किया कि हमले में रॉय गंभीर रूप से घायल हो गए, और वह वर्तमान में आईसीयू में हैं और जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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