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एक क्लिक और टॉयलेट क्लीन, छिंदवाड़ा का वॉश ऑन व्हील मॉडल पूरे देश में हो सकता है लागू - CHHINDWARA WASH ON WHEELS

ग्रामीण इलाकों के सरकारी दफ्तर, स्कूल और पंचायत भवनों में शौचालयों की सफाई के लिए छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने किया अनोखा प्रयोग.

Wash on wheel concept for toilet cleaning
छिंदवाड़ा का वॉश ऑन व्हील मॉडल (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 9:30 AM IST

छिंदवाड़ा : ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल और सरकारी दफ्तरों के शौचायलयों की नियमित रूप से सफाई नहीं हो पाती है. इस समस्या का समाधान निकालने के लिए मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने स्वच्छता साथी वॉश ऑन व्हील अभियान की शुरुआत की है. इसके लिए बाकायदा एक बारकोड भी जनरेट किया गया है, जिस पर सारी जानकारी भरने के बाद मैसेज सीधे स्वच्छता साथी को मिलेगा और स्वच्छता साथी शौचालय की सफाई करने के लिए तत्काल अपनी बाइक और मशीन के साथ लोकेशन पर पहुंच जाएगा.

महिलाएं भी बनीं स्वच्छता साथी, सपने हो रहे पूरे (Etv Bharat)

लोगों को मिल रहा रोजगार बदल रही जिंदगी

इस अभियान से न सिर्फ स्वच्छता अभियान को ही बढ़ावा नहीं मिल रहा है बल्कि स्वच्छता साथियों के रूप में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. स्वच्छता साथी के रूप में सेवा दे रहे शैलेंद्र कहते हैं, '' पहले मैं महीने में 6 से 8 हजार रुपए ही कमा पाता था. इस अभियान से जुड़ने के बाद 1000 से लेकर 2000 रु प्रतिदिन की कमाई हो जाती है. मुख्यालय से 5 किलोमीटर तक शौचालय की सफाई के लिए 200 रु प्रति यूनिट और 5 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर 250 रु प्रति यूनिट का शुल्क निर्धारित किया गया है.''

वॉश ऑन व्हील मॉडल की जानकारी देते कलेक्टर (Etv Bharat)

नेशनल स्तर पर होगा प्रेजेंटेशन, देशभर में लागू करने पर विचार

कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया, '' स्वच्छता को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए यह अभिनव प्रयास शुरू किया गया है. इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. स्वच्छता साथियों को बाकायदा एक किट भी दी जाती है. इस अभियान की भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की है. जल्द ही दिल्ली में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में इस नवाचार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रेजेंटेशन देने का अवसर मिलेगा और हो सकता है इसके बाद पूरे देश में इसे लागू करने पर विचार भी किया जा सके.''

स्वच्छता साथी का सम्मान करते कलेक्टर (Etv Bharat)

महिलाएं भी बनीं स्वच्छता साथी, सपने हो रहे पूरे

जिला पंचायत सीईओ अग्रिम कुमार ने बताया, '' सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी स्वच्छता साथी का काम कर रही हैं. जुन्नारदेव विकासखंड की बबीता इस काम से जुड़कर रोजगार भी पा रही हैं. बबीता ने बताया कि उनका सपना है कि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ अच्छी आमदनी भी पाना, जिससे वह अपना खुद का मकान बना सकें. ग्रामीण इलाकों के सरकारी दफ्तर स्कूल और पंचायत भवनों में शौचालय बने तो जरूर थे लेकिन साफ सफाई और देखरेख के अभाव में उपयोग नहीं होते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ये अनोखी पहल रंग लाने लगी है.

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