छिंदवाड़ा:कॉर्न सिटी के नाम से अपनी पहचान बना चुके मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा का किसान अब मक्का बेचने को लेकर परेशान हो रहा है. दरअसल, मक्के की तो बंपर पैदावार हुई है, लेकिन बाहर के खरीददारों ने इस बार दिलचस्पी नहीं दिखाई है. जिस वजह से किसानों को स्थानीय व्यापारियों के भरोसे रहना पड़ रहा है. जिसका नजारा कृषि उपज मंडी में देखा जा सकता है कि मक्का रखने के लिए किसानों को जगह भी कम पड़ रही है.
मंडी में उम्मीद से ज्यादा हो रही है आवक
कृषि उपज मंडी में मक्का की आवक पिछले एक सप्ताह से लगातार बढ़ रही है. मंडी अधिकारियों की माने तो पिछले सालों की तुलना में इस बार मक्का की आवक अच्छी रहेगी. इसके साथ उम्मीद जताई जा रही है कि दिवाली के पहले कृषि उपज मंडी में रौनक बढ़ेगी और मक्का की आवक तेज हो जाएगी. पिछले दिनों मक्का के दाम कृषि उपज मंडी में 1700 से 2570 रुपए के साथ मॉडल रेट 2360 रुपए प्रति क्विंटल है. हालांकि कृषि उपज मंडी में फिलहाल चार से पांच हजार क्विंटल आवक हो रही है जो और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.
मक्के की फसल को खरीददार नहीं मिल रहे (ETV Bharat) मक्का का रकबा, उत्पादन भी बंपर
कॉर्न सिटी छिंदवाड़ा में एक बार फिर मक्का उत्पादन अपना रिकार्ड तोड़ने की संभावना बता रहा है. हर बार की तरह इस बार भी जिले में मक्का का रकबा बढ़ा है. जिसका असर रिकार्ड उत्पादन के साथ रहेगा. पहले ही छिंदवाड़ा को कॉर्न सिटी का तमगा मिल चुका है. जिसको यहां के किसानों ने कायम रखा हुआ है. इस बार भी 3 लाख 57 हजार हेक्टेयर में मक्का की बोवनी की है. जबकि पिछले वर्ष मक्का की बोवनी 3 लाख 52 हजार हेक्टेयर थी. यानी इस बार 5 हजार हेक्टेयर ज्यादा बोवनी हुई है. छिंदवाड़ा की उपजाऊ भूमि और अनुकूल मौसम मक्का के उत्पादन को बढ़ाया है.
पिछले तीन सालों में ऐसा रहा मक्का का रकबा
छिंदवाड़ा जिले में मक्का के अनुकूल जलवायु होने की वजह से हर साल लगातार रकबा बढ़ रहा है. साल 2022 में 350000 हेक्टेयर में मक्का लगाया गया था, तो 2023 में 3 लाख 52000 हेक्टेयर में लगाया गया, इस साल 357000 हेक्टेयर में किसानों ने मक्का लगाया गया है. कृषि विभाग को उम्मीद है कि इस बार 16 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है.
छिंदवाड़ा में मक्के की बंपर पैदावार (ETV Bharat) किसानों को दाम की चिंता
मक्का खरीदी के लिए पिछले सालों में बाहर के व्यापारी दिलचस्पी लेते थे. आलम ये होते थे कि 300 से 400 ट्रेन के रैक छिंदवाड़ा से मक्का परिवहन के लिए बुक किए जाते थे, लेकिन इस बार कोई भी बड़ा व्यापारी बाहर से मक्का खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. छिंदवाड़ा परासिया और खिरसाडोह की बुकिंग एडवांस में बाहर की फर्मों द्वारा करा लिया जाता था. साल 2000 में तो 1200 से ज्यादा ट्रेन के रैक बुक करा लिए गए थे. यहां पर दिल्ली और चेन्नई की कंपनियों ने इन रैको को बुक कराया था.
एथनॉल फैक्ट्री से अच्छे दाम की उम्मीद
कॉर्न सिटी छिंदवाड़ा में हर साल मक्का का रकबा के साथ उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है. वहीं जिले के 200 किलोमीटर के दायरे में आधा दर्जन से ज्यादा एथनॉल की फैक्ट्री खुल गई है. जिसके कारण मक्का की डिमांड में एकाएक बढ़ोतरी हुई है. वहीं पिछले दिनों जिले के बाहर से भी मक्का की डिमांड इन कंपनियों को की गई थी. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भी मक्का की डिमांड का सीधा असर दाम में पड़ेगा.
बारिश में खराब हो रही मक्के की फसल (ETV Bharat) बारिश में बही किसानों की मेहनत
शुक्रवार को अचानक हुई बेमौसम बारिश में किसानों की खून पसीने की कमाई मक्के की फसल आंखों के सामने बह गई. कारण यह है कि मक्के की आवक अधिक है, जिससे टीन शेड में रखने के साथ ही खुले में भी किसानों को मक्का रखना पड़ रहा है. स्थानीय व्यापारी मक्का खरीदने के बाद परिवहन नहीं होने की वजह से टीन शेड में ही स्टॉक कर लेते हैं. जिसके कारण से किसानों को पर्याप्त जगह भी नहीं मिल पाती है और आवक बहुत ज्यादा है, इसलिए जगह कम पड़ रही है.
लागत के मुताबिक नहीं मिल रहा दाम
करीब 100 एकड़ से ज्यादा जमीन में मक्के की फसल का उत्पादन करने वालेकिसान नवीन पटेल का कहना है कि 'किसान कड़ी मेहनत कर मक्के की फसल उगा रहा है. जिससे जिले का नाम भी रोशन हो रहा है, लेकिन लागत के अनुसार दाम नहीं मिल रहे हैं. जिसकी वजह से अब किसानों के लिए मक्के का उत्पादन घाटे का सौदा साबित हो रहा है.' कृषि उपज मंडी में अनाज व्यापारी संघ के अध्यक्ष प्रतीक शुक्ल का कहना है कि 'इस बार मक्का की फसल अच्छी है. जिसके आधार पर आवक अच्छी रहने की संभावना है. मौसम का भी साथ मिला है, बावजूद मंडी में आवक बढ़ने की उम्मीद है. निजी कंपनियों के साथ एथनॉल फैक्ट्री में भी मक्का डिमांड रहेगी. उम्मीद है कि बाहर के व्यापारी मक्का खरीदने में सहयोग करेंगे.