चेन्नई: तमिलनाडु के चेन्नई में भीड़ को कम करने और कम समय में लंबी दूरी केडेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए मेट्रो रेल परियोजना शुरू की गई थी. इसके लिए 2015 में चेन्नई एयरपोर्ट से विमको नगर और सेंट्रल, परंगिमलाई दो मार्गों पर मेट्रो ट्रेनें चलाई गईं, जो लगभग 55 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं. यह आज भी चल रही है. चेन्नई के लोग तेजी से मेट्रो रेल का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो वर्तमान में ट्रांसपोर्ट सर्विस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
इस बीच तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को 3 मार्गों पर लागू करने की योजना बनाई है. इस परियोजना के दूसरा चरण में 63,246 करोड़ रुपये की लागत से 118.9 किलोमीटर तक फैली तीन लाइनें शामिल हैं. इसका दूसरा फेज 21 नवंबर 2020 को शुरू हुआ और वर्तमान में चल रहा है.
मेट्रो रेल परियोजना के इस दूसरे चरण के अनुसार माधवरम से सिरुसेरी तक तीसरी लाइन, लाइटहाउस से पूनमल्ली तक चौथी लाइन और माधवरम से शोलिंगनल्लूर तक पांचवीं लाइन पर काम चल रहा है.
एक पिलर पर 5 रेलवे ट्रैक
जानकारी के मुताबिक पूनमल्ली-मरीना लाइटहाउस मार्ग पर एक ही पिलर पर 5 रेल ट्रैक बिछाए जाएंगे. वर्तमान में पूनमल्ली बाईपास रोड से वडापलानी तक 15 किलोमीटर की दूरी तक रेलवे लाइन बनाने का काम चल रहा है. इसमें मेट्रो रेल प्रशासन आर्कोट रोड क्षेत्र में एक सुरंग के जरिए से परियोजना को पूरा करने की योजना बना रहा है और इसके लिए काम जारी है.
यह उपलब्धि 5वीं लाइन माधवरम-शोलिंगनल्लूर और 4वीं लाइन पूनमल्ली-मरीना लाइटहाउस के जंक्शन पर हासिल की जाएगी. यानी, वडापलानी और पोरुर के बीच 4 किलोमीटर की दूरी पर ट्रेनों को स्थानांतरित करने के लिए एक लूप लाइन सहित डबल लेयर में 5 ट्रैक बिछाए जाएंगे, जिससे एक ही पिलर पर 4 ट्रेनें आ-जा सकेंगी.
प्रोजेक्ट डायरेक्टर का बयान
इस संबंध में चेन्नई मेट्रो रेल प्रशासन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अर्जुनन ने ईटीवी भारत को इन योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा, "माधवरम से शोलिंगनल्लूर तक कोयम्बेडु होते हुए रूट 5, लाइटहाउस से पूनमल्ली तक रूट 4 पर चलता है. हमने रूट 5 को कोयम्बेडु से अदंबक्कम तक एक सुरंग के माध्यम से ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन हम उस रूट पर ज्यादा स्टॉप नहीं बना सकते. साथ ही, चूंकि इस रूट का इस्तेमाल लोग कम करते हैं, इसलिए हमने इसे पश्चिम की ओर रूट में विभाजित करने और पोरुर, मुगलिवक्कम, रामपुरम और फिर अदंबक्कम से शोलिंगनल्लूर होते हुए जाने की योजना बनाई है."