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दिल्ली की चांदनी में बीजेपी का राजतिलक! वो 5 फैक्टर जो दिल्ली का तख्तोताज दिला रहे - CHANDANI CHAUK CORONATION DELHI

दिल्ली के वो 5 फैक्टर जिसके बल पर बीजेपी कह रही ''सिंहासन खाली करो''. जानें पार्टियों के लिए प्रत्याशियों का समीकरण कैसे काम कर गया.

DELHI ELECTION 5 WINNING FACTORS
5 फैक्टर जिसने दिल्ली का तख्तोताज दिलाया (Etv Bharat)

By Madhya Pradesh Live News Desk

Published : Feb 8, 2025, 10:36 AM IST

Updated : Feb 8, 2025, 10:56 AM IST

नई दिल्ली (विकास कौशिक):राजधानी दिल्ली में मुगल काल से मशहूर चांदनी चौक अब भी राजनीति का संजीदा केंद्र है. यह पॉलिटिक्स का मेन सेंटर है. राइट हो या लेफ्ट सभी को यहां के वोटर्स की जरुरत है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में जाति के आधार पर उतरे कैंडिडेट्स का समीकरण चर्चा में है. अब ऊंट करवट बीजेपी की तरफ ले रहा है, तो जान लें कि सत्ता के राजतिलक में डेमोग्राफी का क्या हाथ रहा है.

दिल्ली चुनाव में सारी ही पार्टियों ने सबसे बड़ा दांव SC कैंडिडेट्स पर खेला. बीजेपी ने सबसे ज्यादा 15 उम्मीदवार शेड्यूल कास्ट के उतारे. यह उसके लिए लीड का एक बड़ा कारण रहा. वहीं AAP और इंडियन नेशनल कांग्रेस ने 13-13 उम्मीदवार SC क्लास से उतारे. जाट उम्मीदवारों पर भी बीजेपी ने सबसे बड़ा खेल खेला. कांग्रेस भी जाट कैंडिडेट्स को लेकर काफी गंभीर दिखी मगर आम आदमी पार्टी नहीं. दोनों ही पार्टियों ने 11-11 उम्मीदवार उतारे. ब्राह्मण प्रत्याशियों पर भी बीजेपी और कांग्रेस ने भरोसा जताया लेकिन आम आदमी पार्टी ने इसके उलट 12 पूर्वांचली उम्मीदवार उतारे. यहां पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों टिकट देने में आनाकानी करते दिखे. त्यागी और मुस्लिम कैंडिडेट्स को बीजेपी ने दिल्ली में लगभग नकार दिया.

दिल्ली चुनाव 2025 में जातिगत आधार पर किसने कितने प्रत्याशी उतारे...

AAP BJP INC
SC 13 15 13
JAT 7 11 11
Vaishya 8 10 5
Brahmin 4 9 8
Gurjar 7 5 7
Purvanchali 12 6 3
Punjabi 2 5 7
Muslims 5 - 7
Sikh 4 3 4
Rajput 5 2 1
Yadav 3 2 3
Tyagi 2 - 1
Uttarakhandi - 2 -

Source: Media/ETV Bharat RKC

देश की चांदनी और किसका होगा तिलक?

मुगलों के जमाने से थोक बाजारों का केंद्र रहा चांदनी चौक से ही सत्ता की सरगर्मियां परवान चढ़ती हैं. इस बार यहां पर राजतिलक के लिए बस थोडा ही इंतजार बाकी है. बीजेपी दिल्ली में सालों से बेदखल है. मगर इस बार बाजी पलट रही है. जानें वो बड़े फैक्टर जो बीजेपी के लिए चांदनी और राजतिलक दोनों लेकर आ रही है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का दावा आप बाप सब फेल (ETV Bharat)

मिडिल क्लास और महिलाओं ने कैसे जिताया

बीजेपी ने महिलाओं पर दांव खेला और इतने वादे किए कि वो गदगद हो गईं. सबसे बड़ा वादा 2500 रुपए महीने सौगात में देना. मिडिल क्लास में महिलाओं ने बीजेपी का जमकर समर्थन किया. 'महिला समृद्धि योजना' में 2500 रुपये देने का बीजेपी ने वादा किया और बताया कि उसके राज्यों में यह कितना सफल है. महिलाओं ने लगता है इन वादों पर यकीन भी किया.

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने 2500 और 2100 रुपये देने का वादा किया है मगर बीजेपी इसमें 400 रुपए से बाजी मार गई. दूसरी वजह मध्य प्रदेश में लाडली बहना और छत्तीसगढ़ में हतारी वंदन योजना सफल है मगर पंजाब और हिमाचल प्रदेश में AAP और कांग्रेस ये वादे अब तक पूरा नहीं कर पाई है. गैस सिलेंडर के 500 रुपये का वादा भी त्योहारों में कई भाजपा और कांग्रेस शासित राज्य पूरा करते रहे हैं.

मातृ शक्ति ने फिर बीजेपी पर भरोसा जताया

बीजेपी सांसद बंशीलाल ने दिल्ली चुनाव में प्रचार मे जिम्मेदारी संभाली थी. वो कहते हैं, "मैंने दिल्ली में देखा कि जो बुनियादी जरुरतें हैं, मूलभूत आवश्यक्ता है, फिर वो सीवरेज पानी बिजली हो इस पर केजरीवाल सरकार ने काम ही नहीं किया. दूर दराज की बस्तियो में सड़कों की हालत बेहद खराब हो चुकी है. जिसकी वजह से जनता आम आदमी पार्टी को अब मौका देना नहीं चाहती थी. फिर केजरीवाल की छवि शराब घोटाले में उनके नेताओं की संलिप्ततता. केजरीवाल भारतीय राजनीति के एक ऐसे नेता हैं जो बिना तथ्यों के बात करते हैं. जनता के बीच झूठे नैरेटिव सेट करने की कोशिश करते हैं. उसे जनता ने ठीक तरीके से समझ लिया नतीजा सामने है."

बंशीलाल कहते हैं, "बीजेपी माइक्रो मैनेजमेंट स्तर पर काम करती है. इसी आधार पर हमारी पार्टी ने चुनाव लड़ा. फिर महिला सशक्तीकरण की दिशा में जो कार्य बीजेपी की सरकारों ने मध्यप्रदेश जैसे राज्य में कए उसका असर था कि दिल्ली में भी मातृ शक्ति ने हमारी पार्टी पर भरोसा जताया."

मोदी का मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझा कम करने का दांव

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट में मीडिल क्लास को खुश कर दिया. वर्किंग क्लास भी काफी गदगद नजर आया. इनकम पर टैक्स की छूट ने उसे हौसला दिया और सत्ता परिवर्तन की ओर जाने के लिए रास्ता दिखाया. 12 लाख तक तक टैक्स फ्री होना बड़ी वजह बना. बिहार के योजनाओं ने दिल्ली में बसे बिहारी वोटबैंक को भी अपनी ओर खींचा.

शराब का घोटाला और क्रैकडाउन से AAP की इमेज खराब

दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को AAP, खुद अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से लेकर कई बड़े नेता फंसे दिखे. इससे उनकी छवि पर असर आया और जनता का भरोसा टूटा. अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से भी हटना पड़ा. मनीष सिसोदिया, संजय सिंह तक गिरफ्तार हुए. आतिशी भले ही मुख्यमंत्री बनी मगर उनके करिश्मे को शायद जनता का समर्थन नहीं मिला.

शीशमहल विवाद और फ्लैट बांट AAP के वोट बैंक में बीजेपी की सेंधमारी

भारतीय जनता पार्टी और खासकर पीएम नरेंद्र मोदी लगातार लोगों के लिए ढेरों वादे करते दिखे. बीजेपी का झुग्गी वासियों को मकान का वादा काम कर गया. आम आदमी पार्टी का यह मजबूत पिलर ढह गया. पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद दिल्ली में फ्लैट बांटे जो तुरुप के इक्के की तरह निशाने पर बैठा. मालिकाना हक जैसे वादे भी असर दिखा गए.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का दावा AAP, बाप सारी पार्टियां फेल

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दिल्ली चुनाव पर बड़ा जीत के फैक्टर्स बताए. उन्होने कहा, "पीएम मोदी के आप पार्टी, बाप पार्टी हो या कांग्रेस सबको फेल किया. दिल्ली के कीचड़ में कमल खिला. बीजेपी के अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा चारो दिशाओं में दौड़ रहा है. यह चुनाव साबित करता है कि झूठे प्रॉपेगैंडा काम नहीं करता. झूठे नैरेटिव और दुश्प्रचार की दिल्ली में हार है."

नाकारा नेतृत्व को नकार देती है जनता

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, ''दिल्ली चुनाव नतीजे सबक है कि जनता अब नकारा नेतृत्व को बर्दाश्त नहीं करती. केजरीवाल अपनी गंभीरता खो चुके थे. ये चुनाव नतीजे इस बात पर भी मुहर लगाती है. फिर मध्यप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और अब दिल्ली, इन नतीजों का विश्लेषण करेंगे तो आप समझेंगे की बीजेपी की चुनावी तैयारी किस तरह से होती है. दिल्ली में बीजेपी ने मैनिफैस्टो जारी कर जनता की नब्ज थामी और उनकी समस्याओं और मुद्दों को एड्रेस किया. दूसरा जहां उनकी सरकारें हैं और योजनाएं भली भांति चल रही हैं, वो प्रमाण बन गए जनता के लिए. यही वजह है कि पार्टी में भरोसा जताया.''

Last Updated : Feb 8, 2025, 10:56 AM IST

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