हजारीबागःनीट प्रश्न पत्र लीक मामले में हजारीबाग जांच का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. सीबीआई हजारीबाग में विशेष रूप से नजर रखकर कई बिंदुओं पर एक साथ जांच कर रही है. वहीं इस मामले में ओएसिस स्कूल के दो शिक्षकों को सीबीआई ने समन भेजा है और उन्हें पटना सीबीआई के दफ्तर में हाजिर होने का आदेश जारी किया गया है.
एक तरफ फिर से जांच की सुई हजारीबाग की तरफ घूम गयी है तो दूसरी ओर एक प्रोफेसर की भी तलाश की जा रही है. सूत्रों के अनुसार बताया जाता है कि सीबीआई उस चेन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए यह जाना जा सके प्रश्न पत्र कैसे और कब लीक हुआ. किस चेन के जरिए सारे प्रश्न पत्र के उत्तर हल किए गए. प्रश्न पत्र और उत्तर छात्रों तक कैसे पहुंचा. इसी चेन की तलाश में सीबीआई हजारीबाग में सक्रिय है. क्योंकि यहां से तीन लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. जिसमें ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालुद्दीन शामिल है.
हजारीबाग बन गया है फिशिंग जोन
हजारीबाग की बात की जाए तो हाल की दिनों में यह शिक्षा का हब बनता चला गया है. जहां चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद से छात्र बड़ी संख्या में पढ़ाई और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पहुंचते हैं. आंकड़ों की बात की जाए तो लगभग 35 हजार छात्र हजारीबाग में वर्तमान समय में दूसरे जिलों से आकर यहां रह रहे हैं. वहीं यहां 100 से अधिक कोचिंग संस्थान हैं.
अगर नीट परीक्षा की बात की जाए तो 12 से 15 कोचिंग संस्थान ऐसे हैं जो नीट की तैयारी कराते हैं. प्रत्येक महीने लगभग 12 से 15 करोड़ रुपए का व्यवसाय होता है. यह एक चारागाह के रूप में हाल के दिनों में विकसित हुआ है. जहां प्रश्न पत्र लीक कराने वाला सिंडिकेट छात्रों को अपने जाल में फंसता है. साथ ही कई कोचिंग सेंटर जो मोटी रकम लेकर बड़ी संख्या में छात्रों को पढ़ाते हैं उनसे संपर्क स्थापित करते हैं. इस कारण फिशिंग जोन के रूप में भी जाना जा रहा है. यही कारण है कि सीबीआई के रडार में कई कोचिंग संस्थान भी हैं. सीबीआई कोचिंग सेंटर के परिणाम को भी खंगाल रही है जो कोचिंग सेंटर से लगातार छात्र सफल हो रहे हैं, जहां टॉपर की संख्या अधिक है वो भी इस बार जांच के दायरे में आ सकते हैं.
हजारीबाग के सीपीआई नेता सीटू कुमार भी कहते हैं कि यह जिला शिक्षा का हब बनता जा रहा है जो बेहद खुशी की बात है. इसके साथ ही यहां कोचिंग सेंटर की संख्या में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है. कई ऐसे माफिया हैं जो यहां सक्रिय भी है. कोचिंग सेंटर का भी जांच होना चाहिए कि उनके सेंटर से कितने लोगों ने हाल के दिनों में सफलता प्राप्त की है. समाजसेवी मनोज गुप्ता कहते हैं कि अगर धुआं निकल रहा है इसका मतलब स्पष्ट है कि आग लगी है. कोचिंग सेंटर पर निगार रखने की जरूरत है. वैसे कोचिंग सेंटर जो काफी नाम कमा चुके हैं और जिनका दावा है कि वह सबसे अधिक सफल अभ्यर्थी दे चुके हैं, उन पर जांच हो. इससे भी एक बड़ा रैकेट का खुलासा हो सकता है.
25 जून को पहली दस्तक
25 जून को हजारीबाग में सीबीआई ने पहली बार इस मामले को लेकर दस्तक दी. उस दिन सीबीआई की कोई भी हरकत प्रकाश में नहीं आई. बड़े ही गोपनीय तरीके से कई जगहों पर सीबीआई जांच करती रही. जिसमें नूतन नगर स्थित ब्लू डार्ट कूरियर सर्विस, एसबीआई बैंक और ओएसिस स्कूल मुख्य रुप से शामिल रहा.
26 जून 2024
26 जून को हजारीबाग में सीबीआई जांच की खबर पूरे शहर में फैल गई. नीट पेपर लीक से जुड़ा होने के कारण दिल्ली, रांची के लगभग सभी मीडिया इसकी कवरेज के लिए हजारीबाग पहुंच गई. 26 जून को सुबह 9:00 के आसपास इस प्रकरण के मुख्य आरोपी ओएसिस स्कूल के प्राचार्य सह नीट के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर एहसान उल हक के घर सीबीआई पहुंची. इसके बाद उन्हें 11:00 बजे के आसपास उनके स्कूल ले आई. जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई.