नई दिल्ली: कनाडा एक बार फिर भारत को नाराज़ करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है. इस बार संसदीय समिति की एक रिपोर्ट ने भारत को चीन के बाद उसके लोकतंत्र के लिए दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया है. कनाडा द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट भारत और कनाडा के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को प्रभावित करती है.
कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और सांसदों की खुफिया समिति द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, भारत रूस को पछाड़ते हुए कनाडा की लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं के लिए दूसरा सबसे बड़ा विदेशी हस्तक्षेप खतरा बनकर उभरा है.
रिपोर्ट में कहा गया कि 'विदेशी हस्तक्षेप के प्रयास धीरे-धीरे बढ़ गए हैं और इसके प्रयास कनाडा में खालिस्तान समर्थक प्रयासों का मुकाबला करने से कहीं आगे बढ़ गए हैं. भारत कनाडा के लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थानों में हस्तक्षेप कर रहा था, जिसमें कनाडाई राजनेताओं, जातीय मीडिया और इंडो-कनाडाई जातीय सांस्कृतिक समुदायों को निशाना बनाना शामिल है. हालांकि, भारत के विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करने से परहेज किया है.
भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंध
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाए जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद चल रहा है.
भारत ने आरोपों को किया खारिज
ट्रूडो ने एक आपातकालीन बयान में हाउस ऑफ कॉमन्स को बताया कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां 18 जून को सरे में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से भारतीय सरकारी एजेंटों को जोड़ने वाले 'विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.' हालांकि, नई दिल्ली ने बयान का खंडन करते हुए उन्हें निराधार और बेतुका बताया. वैंकूवर उपनगर में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या किए गए हरदीप सिंह निज्जर को जुलाई 2020 में भारत द्वारा 'आतंकवादी' घोषित किया गया था.