पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण के तहत बिहार में 4 सीटों पर मतदान होना है. इसके लिए बुधवार शाम 5 बजे चुनावी भोंपू शांत हो गया. अब तमाम उम्मीदवार केवल डोर-टू-डोर कैंपेन ही कर सकते हैं. 19 अप्रैल को इन सीटों पर वोट डाले जाएंगे. जिन 4 लोकसभा सीटों पर पहले फेज के तहत मतदान होना है, उनमें औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई शामिल है. इन चार में से तीन सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि नवादा में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं.
औरंगाबाद में बीजेपी-आरजेडी में जंग:पहले फेज के तहत ही औरंगाबाद में मतदान होना है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद सुशील सिंह को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल ने अभय कुमार कुशवाहा को टिकट दिया है. कुशवाहा जेडीयू से विधायक रह चुके हैं. राजपूत बहुल सीट पर लालू यादव ने इस बार कोइरी जाति से आने अभय कुशवाहा को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. बीजेपी उम्मीदवार के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और आरजेडी कैंडिडेट के लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी प्रचार कर चुके हैं.
गया में मांझी और सर्वजीत में मुकाबला:गया लोकसभा सीट (सुरक्षित) से पूर्व सीएम और हम प्रमुख जीतनराम मांझी चौथी बार मैदान में हैं. उनका मुकाबला आरजेडी प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत से है. 1991 में सर्वजीत के पिता के हाथों मांझी चुनाव हार चुके हैं. इस सीट से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके लिए प्रचार कर चुके हैं. सीएम नीतीश कुमार समेत प्रदेश स्तर के तमाम एनडीए नेता उनके लिए पसीना बहा चुके हैं. सर्वजीत के लिए तेजस्वी यादव कई रैलियों को संबोधित कर चुके हैं.
जमुई में चिराग के बहनोई का इम्तेहान:जमुई सुरक्षित सीट से इस बार चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण भारती को मैदान में उतारा है. उनका सीधा मुकाबला आरजेडी की अर्चना कुमारी दास उर्फ अर्चना रविदास से है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी सीट से बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की थी. वहीं, तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी भी कई बार चुनावी जनसभा कर चुके हैं. यहां स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा गरमाया हुआ है.
नवादा में त्रिकोणीय लड़ाई:पहले फेज के तहत सबसे दिलचस्प लड़ाई नवादा सीट पर है. जहां बीजेपी के विवेक ठाकुर, आरजेडी के श्रवण कुशवाहा, निर्दलीय विनोद यादव और गायक गुंजन सिंह के बीच मुकाबला है. बीजेपी और आरजेडी के लिए निर्दलीय कैंडिडेट परेशानी का सबब बने हुए हैं. विनोद यादव पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के भाई हैं, जिस वजह से आरजेडी के यादव वोट बैंक में सेंध लगती दिख रही है. उनके पक्ष में आरजेडी के विधायक भी आ चुके हैं. वहीं गुंजन सिंह के कारण बीजेपी के भूमिहार वोट बैंक में सेंधमारी का खतरा मंडरा रहा है.