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बनारस के दो महलनुमा होटलों पर बुलडोजर एक्शन, 8 साल पहले किए गए थे सील; नदी के 50 मीटर के दायरे में निर्माण होने पर कार्रवाई - Bulldozer action on hotel Varanasi - BULLDOZER ACTION ON HOTEL VARANASI

वरुणा नदी के 50 मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शुरू कर दी है. 750 से ज्यादा अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं. इसमें दो अवैध होटल भी शामिल हैं. दोनों होटल एक ही शख्स के हैं.

वाराणसी में होटल पर बुलडोजर एक्शन.
वाराणसी में होटल पर बुलडोजर एक्शन. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 10:24 PM IST

Updated : Jul 27, 2024, 11:04 PM IST

वाराणसी में शनिवार शाम से होटल पर बुलडोजर चलने लगा. (Video Credit; ETV Bharat)

वाराणसी:वरुणा नदी के 50 मीटर के दायरे में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शुरू कर दी है. 750 से ज्यादा अवैध निर्माण चिन्हित किए गए हैं. इसमें दो अवैध होटल भी शामिल हैं. दोनों होटल एक ही शख्स के हैं. इनमें से एक होटल को गिराने के लिए शनिवार दोपहर वाराणसी विकास प्राधिकरण और पुलिस की लंबी चौड़ी टीम पहुंची. शाम से बुलडोजर भी चलने लगा. माना जा रहा है कि पूरा होटल गिराने में तीन से 4 दिन लग सकते हैं. इसके बाद दूसरा होटल गिराया जाएगा. वहीं इस दौरान होटल मालिक को सिर से धक्का मारने का एक वीडियो वायरलहो गया है. इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश ने ट्वीट कर तंज कसा है.

वाराणसी में कार्रवाई से पहले होटल मालिक ने वीडीए पर मनमानी का आरोप लगाया. (Video Credit; ETV Bharat)

प्राधिकरण ने 8 साल पहले ही कर दिया था सील, फिर भी हो रहा था संचालित :प्राधिकरण ने 8 साल पहले 2015 में वाराणसी के कैंटोनमेंट एरिया में स्थित बनारस कोठी और रिवर पैलेस को नोटिस देकर दोनों प्रॉपर्टी को मानक के विपरीत बने होने की बात कर सील कर दिया था. इसके बाद 13 फरवरी 2015 और 23 नवंबर 2015 को बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर ताला लगाकर सील की कार्रवाई भी पूरी की गई. बावजूद इसके होटल 8 साल से संचालित किया जाता रहा. कई मुकदमे भी दर्ज हुए. बार टीम गिराने भी पहुंची लेकिन एक्शन नहीं हो पाया. अब जाकर कार्रवाई शुरू हुई है. शनिवार शाम से बुलडोजर भी शुरू हो गया है. फिलहाल होटल मालिक लगातार वाराणसी विकास प्राधिकरण पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे गलत कार्रवाई बता रहा है और कार्रवाई की वजह से वह बेसुध होकर दोपहर में गिर भी चुका है.

वाराणसी में शुक्रवार देर रात तक होटल का काफी हिस्सा तोड़ दिया गया. (Photo Credit; ETV Bharat)

होटल संचालक को नहीं मिली कोर्ट से राहत :इस पूरे मामले में होटल संचालक ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है, लेकिन राहत नहीं मिली और याचिका खारिज हो गई थी. 21 जुलाई को वाराणसी विकास प्राधिकरण ने इस मामले में फिर से होटल मालिक को नोटिस देकर तत्काल होटल खाली करवाने और बुकिंग रोकने के निर्देश दिए. इसके बाद आज वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम दलबल के साथ दोपहर में पहुंची और होटल के कमरों को तोड़ना शुरू कर दिया. शाम से होटल पर बुलडोजर की भी कार्रवाई शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि लगभग तीन से चार दिनों में इस आलीशान 90 कमरों के पांच मंजिला होटल को लगभग आधा दर्जन बुलडोजर की मदद से जमींदोज कर दिया जाएगा. इसके बाद दूसरे होटल पैलेस पर भी कार्रवाई शुरू की जाएगी.

वाराणसी में इसी होटल पर चला है बुलडोजर. (Photo Credit; ETV Bharat)

दोनों होटल के मालिक एक :दरअसल, वाराणसी के कैंटोनमेंट एरिया में बनारस कोठी और रीवर पैलेस नाम के दो होटल हैं. यह दोनों होटल एक ही मालिक के हैं. जिसका नाम खुर्शीद आलम और उनके बड़े भाई मोहम्मद जाफर हैं. खुर्शीद आलम का आरोप है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण एक पक्ष की कार्रवाई कर रहा है. नोटिस और अवैध निर्माण की बात की जाए तो 700 से ज्यादा ऐसे वह निर्माण हैं, जो वरुणा के हरित पट्टी क्षेत्र में मौजूद है, लेकिन कार्रवाई सिर्फ इन दो होटल पर इसलिए हो रही है कि यह दोनों होटल वर्ग विशेष व्यक्ति के हैं.

वाराणसी में होटल गिराने की कार्रवाई दोपहर से ही शुरू हुई. पहले अंदर का भाग तोड़ा गया. (Photo Credit; ETV Bharat)

प्राधिकरण ने आरोपों को किया खारिज :वाराणसी विकास प्राधिकरण आरोपों सरासर गलत बता रहा है. वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है दोनों होटल को वरुणा नदी के डूब क्षेत्र में बनाया गया है. 8 साल पहले भी होटलों को सील किया गया था. इसके बावजूद होटल में कंस्ट्रक्शन जारी रहा और अवैध तरीके से संचालित होता रहा. यात्रियों की बुकिंग होती रही और यहां पर कमाई का जरिया बनाकर अवैध तरीके से धन भी अर्जित किया जा रहा था, जो बिल्कुल गलत था. इसलिए होटल गिराने की कार्रवाई शुरू की गई है, क्योंकि बार-बार नोटिस और बार-बार फिर के बाद भी मलिक सुनने को तैयार नहीं थे. ये होटल कैंटोनमेंट एरिया के बुद्ध विहार कॉलोनी में हैं, जो वरुणा नदी के बिल्कुल किनारे पर मौजूद हैं.

होटल मालिक ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस दौरान होटल मालिक रो पड़ा. (Photo Credit; ETV Bharat)

पहले ही दिया गया था नोटिस :अधिकारियों का कहना है जिस होटल को गिराया जा रहा है, उसे पूरी तरह से खाली करवाया जा चुका है. पहले ही 21 जुलाई को नोटिस देकर ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि होटल मालिक किसी भी कमरे की बुकिंग नहीं लेंगे. होटल पूरी तरह से खाली था, इसलिए कार्रवाई शुरू की गई है. इस मामले में वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम ने पहले ही होटल को नोटिस दे दिया था और प्राधिकरण के अवर अभियंता अतुल कुमार मिश्रा ने कैंट थाना क्षेत्र में पड़ने वाले इस होटल को लेकर दो दिन पहले फिर भी दर्ज करवा दी थी.

बनारस कोठी और रीवा पैलेस होटल का बिजली कनेक्शन काटा जा चुका था और यहां पर हर तरह की गतिविधियों के साथ ही पानी की सप्लाई भी रोक दी गई थी. होटल को गिराने की कार्रवाई सारी कानूनी प्रक्रिया के बाद ही शुरू की गई है. होटल के संचालक मोहम्मद जफर खान का कहना है कि हम फिर से कोर्ट जाएंगे और हमें पूरी उम्मीद है कि कोर्ट हमें राहत देगा क्योंकि पुलिस प्रशासन तो हमारी और कोर्ट की दोनों की नहीं सुन रहा है.

दोनों अवैध तरीके से बनाए गए :वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का कहना है बनारस कोठी और रिवर पहले होटल का नक्शा स्वीकृत नहीं है. यह दोनों अवैध तरीके से बनाए गए होटल हैं, जो वरुणा नदी के किनारे 50 मीटर एरिया के डूब क्षेत्र में हैं. यह वह एरिया है जहां बाढ़ का पानी सबसे पहले प्रभावित करता है. ऐसे क्षेत्र में पहले से ही किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी गई है. सिर्फ पेड़ पौधे लगाने और फसल करने की अनुमति दी जा सकती है. 2015 में इन दोनों होटल को सील किया गया था और उसके बाद भी यह होटल संचालित होते रहे. इसके बाद मुकदमा भी दर्ज किया गया, लेकिन होटल मालिक ने किसी की नहीं सुनी. इसके बाद लगातार होटल की बुकिंग भी होती रही. इसलिए इस होटल को गिराना आवश्यक है, ताकि आगे अवैध तरीके से संचालित हो रहे होटल को बंद किया जा सकें.

होटल संचालक ने कहा-अवैध था तो बिल कैसे जमा होता था:होटल संचालक का कहना है कि होटल अवैध होता तो हम बिजली के बिल से लेकर बाकी चीजें कैसे जमा करते, सबकुछ कानून के अनुसार हैं. वाराणसी विकास प्राधिकरण नियमों का पालन खुद नहीं कर रहा है. विभाग बनवाने तरीके से हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

2016 में होटल के ध्वस्तीकरण का आदेश :वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कहना है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं. 2016 में होटल के ध्वस्तीकरण का आदेश पहले ही जारी हुआ था. इन लोगों ने कई जगह अपील की लेकिन केस खारिज हो गया. 2017-18 में भी टीम होटल गिरने के लिए पहुंची थी, लेकिन उस वक्त महिलाओं को आगे करके विरोध प्रदर्शन किया गया. जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं हो सकी थी. सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर उस वक्त भी एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन दोबारा आर्डर जारी होने के बाद बुकिंग रोकने के लिए फिर से कहा गया. फिर भी इन लोगों ने नहीं माना. लगातार तीन बार नोटिस की कार्रवाई के आदेश के बाद भी होटल मालिक ने एक नहीं सुनी. इसके बाद 6 साल से संचालित हो रहे इस होटल को गिराने के अलावा अब कोई भी चारा नहीं बचा है.

होटल मालिक को सिर से धक्का मारने का वीडियो वायरल :वहीं एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें एटीएम सिटी आलोक कुमार होटल गिरने पहुंची टीम के साथ होटल मालिक खुर्शीद को सिर से मारते नजर आ रहे हैं. हालांकि इस बारे में जब एटीएम सिटी से बातचीत की गई तो उनका कहना था यह आरोप सरासर गलत है. मैं वहां से गुजर रहा था और स्लिप हो जाने की वजह से मैं गिर गया. मैं किसी को मारने की नीयत से ऐसा नहीं किया, बल्कि मैं गिरने लगा और वह सामने खड़े थे. आरोप गलत है कि मैंने किसी को मारा है. वही खुर्शीद का कहना है कि मैं कल डायलिसिस करवाकर आया हूं और एटीएम सिटी ने मुझे सिर से मारा है, यह गलत है.

अखिलेश के ट्वीट से बढ़ी सरगर्मी :वहीं इस मामले में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट ने राजनीति सरगर्मी बढ़ा दी है. अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है-'उप्र भाजपा सरकार के अधिकारियों ने यूपी के प्रतीक्षारत क्योटो में शुरू किया अपने तरह का अनोखा फ़्री स्टाइल हेड स्ट्राइक ओलम्पिक गेम. इस खेल में प्रदेश सरकार कौन सा मेडल देती है, ये देखना बाक़ी है. इनके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की जाएगी, ये बात इस पर निर्भर करेगी कि ये किस खेमे के हैं. ये है देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में प्रशासन का अमृतकाल। दिल्ली में कोई है? (क्योंकि लखनऊ खाली है)'.

कार्रवाई होते देख होटल मालिक बेहोश :होटल के मालिक तोड़फोड़ की कार्यवाही को देखकर बेसुध हो गए. वहीं पुलिस व वीडीए की टीम ने होटल मालिक के परिजनों को बाहर किया. होटल मालिक खुर्शीद ने आरोप लगाया कि मुसलमान होने के कारण यह कार्रवाई हो रही है.यहां 25 लोग और हैं, उन पर कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है. ये सारे होटल सत्ताधारी दल के नेताओं के हैं. इस डूब क्षेत्र में 756 मकान हैं. किसी मकान को नहीं तोड़ा जा रहा है. खुर्शीद ने आरोप लगाया है कि इन लोगों हाईकोर्ट के आदेश को कभी माना ही नहीं. हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल है. इन लोगों ने हमें समय नही दिया. वहीं प्राधिकरण का कहना है कि सभी अवैध निर्माण पर कार्रवाई होगी. यह शुरुआत है.

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Last Updated : Jul 27, 2024, 11:04 PM IST

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