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बीआरएस विधायकों की अयोग्यता विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर की देरी पर उठाए कड़े सवाल! - SUPREME COURT

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'क्या स्पीकर के लिए उचित समय का मतलब विधानसभा के कार्यकाल के अंत में फैसला लेना है'

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सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

By Sumit Saxena

Published : Feb 10, 2025, 7:43 PM IST

Updated : Feb 10, 2025, 10:47 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के लिए कांग्रेस में शामिल हुए बीआरएस विधायकों की अयोग्यता की याचिकाओं पर फैसला लेने के लिए उचित समय की धारणा के बारे में पूछा. कहा कि क्या 'उचित समय' का मतलब विधानसभा के कार्यकाल का अंत भी हो सकता है. सुनवाई के दौरान पीठ ने जानना चाहा कि अयोग्यता याचिका पर निर्णय लेने के लिए अध्यक्ष के पास कितना समय है.

कोर्ट ने लगायी फटकारः न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने मामले में सुनावई की. पीठ ने कहा कि लोकतंत्र में पार्टियों के अधिकारों को कमजोर नहीं होने दिया जा सकता. पीठ ने कहा, "हम अन्य दो पक्षों का पूरा सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संसद के अधिनियम को ही कमजोर होने दिया जाए."पीठ ने विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से पूछा कि क्या “उचित समय” का मतलब विधानसभा के कार्यकाल का अंत भी हो सकता है. पूछा कि उचित समय की धारणा क्या है?

अगली सुनवाई कब होगीः वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाए. याचिकाकर्ताओं के वकील ने जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा था कि “उचित समय” का अर्थ असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर तीन महीने के भीतर होगा. दलीलें सुनने के बाद पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को तय की है.

किस याचिका पर हुई सुनवाईः सर्वोच्च न्यायालय दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी को लेकर बीआरएस और अन्य द्वारा दायर याचिका भी शामिल थी. इनमें से एक याचिका में राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए तीन बीआरएस विधायकों को अयोग्य ठहराने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई थी. दूसरी याचिका दलबदल करने वाले शेष सात विधायकों के संबंध में दायर की गई थी.

हाईकोर्ट में क्या हुआ थाः पिछले साल नवंबर में, उच्च न्यायालय ने एकल न्यायाधीश द्वारा पारित एक पूर्व आदेश को खारिज कर दिया था कि विधानसभा सचिव को बीआरएस विधायकों दानम नागेंद्र, तेलम वेंकट राव और कडियम श्रीहरि की अयोग्यता याचिकाएं अध्यक्ष के समक्ष पेश करनी चाहिए. उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने कहा था कि राज्य विधानसभा अध्यक्ष को तीनों विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए.

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Last Updated : Feb 10, 2025, 10:47 PM IST

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