पटना : बिहार लोक सेवा आयोग ने अब आर्थिक अपराध इकाई से TRE 3.0 के कथित पेपरलीक के ठोस सबूत देने की मांग की है. इससे स्पष्ट हो गया है कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के तीसरे चरण की 15 मार्च को आयोजित की गई परीक्षा को रद्द करने के मूड में नहीं है. बीपीएससी की ओर से रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ठोस साक्ष्य उपलब्ध कराने की आर्थिक अपराध इकाई से मांग की गई है. इसमें लिखा है कि 15 मार्च को बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई 3) के प्रश्न पत्र के कथित रूप से लीक होने का आरोप लगाया गया है.
रद्द नहीं होगी बीपीएससी परीक्षा?: बताते चलें कि 16 मार्च को आर्थिक अपराध एवं साइबर अपराध इकाई ने एक जांच रिपोर्ट बीपीएससी को सौंपी थी. इसमें कहा था कि तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो गया है. ईओयू ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि 15 मार्च की परीक्षा में पूछे गए प्रश्न 14 मार्च को ही अभ्यर्थियों के पास उपलब्ध हो गए थे. परीक्षा के बाद मिलान करने पर दोनों प्रश्न हूबहू पाया गया. इसके बाद ईओयू द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन पर आयोग द्वारा समीक्षा की गई.
परीक्षा रद्द करने के मूड में नहीं बीपीएससी: समीक्षा के बाद आयोग ने यह बताया कि समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी है कि 15 मार्च को आयोजित परीक्षा प्रारम्भ होने के पूर्व प्रश्न-पत्र लीक होने के सम्बंध में मानक साक्ष्य उक्त प्रतिवेदन में उपलब्ध नहीं है. साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद ही परीक्षा के संबंध में आगे कोई निर्णय लिया जाएगा. बताते चलें की 15 मार्च को शिक्षक बहाली के तीसरे चरण के तहत मध्य और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक पद के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी.
15 मार्च को होटल से पकड़े गए मुन्ना भाई : परीक्षा के पूर्व ही 15 मार्च को सुबह में हजारीबाग में आर्थिक अपराध इकाई पटना की टीम ने झारखंड पुलिस के सहयोग से काफी संख्या में अभ्यर्थियों को एक होटल में पकड़ा. अभ्यर्थी शिक्षक बहाली परीक्षा को लेकर प्रश्न पत्र के अनुसार उत्तर रटते पकड़े गए. काफी संख्या में वहां प्रश्न पत्र और उत्तर पाया गया. परीक्षा समाप्ति के बाद जब ईओयू की टीम ने उक्त प्रश्न पत्र को पूछे गए प्रश्न पत्र से मिलान किया तो हूबहू पाया गया, जैसा की आर्थिक अपराध इकाई ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है.
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